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अमेरिका और भारत के बीच और मजबूत होंगे रणनीतिक रिश्‍ते, एक साथ तीनों सेनाएं करेंगी युद्धाभ्‍यास

अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होने जा रही है। भारत ने अमेरिका के साथ दो और द्विपक्षीय रक्षा सौदो को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा तीन बिलियन डॉलर की कीमत वाली अपाचे हेलीकॉप्‍टर डील और साथ ही तीनों सेनाएं पहली बार एक साझा मिलिट्री ड्रिल का हिस्‍सा बनेंगी।

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नई दिल्‍ली। अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होने जा रही है। भारत ने अमेरिका के साथ दो और द्विपक्षीय रक्षा सौदो को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा तीन बिलियन डॉलर की कीमत वाली अपाचे हेलीकॉप्‍टर डील और साथ ही तीनों सेनाएं पहली बार एक साझा मिलिट्री ड्रिल का हिस्‍सा बनेंगी। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण छह जुलाई को वॉशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मटीस और विदेश मंत्री माइक पोंपेओ से मुलाकात करेंगी। यह मुलाकात भारत-अमेरिका का पहला 'टू-प्‍लस-टू' के तहत होगी।

एक बड़े एग्रीमेंट को मिली मंजूरी

एक बड़े एग्रीमेंट को मिली मंजूरी

इंग्लिश अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि दोनों देशों के बीच कम्‍यूनिकेशन, काम्‍पैटीबिलिटी और सिक्‍योरिटी अरेंजमेंट यानी कॉमकासा और बेसिक एक्‍सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर स्‍पैटियल कोऑपरेशन यानी बेका को निष्‍कर्ष तक ले जाने की दिशा में अहम प्रगति हुई है। अखबार के मुताबिक यूपीए के कार्यकाल में अमेरिका की तरफ से 'फंडामेंटल मिलिट्री एग्रीमेंट्स' की रजामंदी की सारी कोशिशें बेकार हो गई थीं। लेकिन एनडीए सरकार ने इस मामले में एक कदम आगे बढ़ी और उसने लॉजिस्टिक सपोर्ट को रजामंदी दी। साल 2016 में भारत और अमेरिका के बीच लॉजिस्टिक एक्‍सचेंज को लेकर एक मेमोरेंडम एग्रीमेंट यानी लेमोआ साइन हुआ।

भारत को मिलेंगी एडवांस्‍ड अमेरिकी टेक्‍नोलॉजी

भारत को मिलेंगी एडवांस्‍ड अमेरिकी टेक्‍नोलॉजी

अब जबकि कॉमकासा और बेका को अंतिम रूप दिया जाने वाला है , अमेरिका भारत को और ज्‍यादा एडवांस्‍ड मिलिट्री टेक्‍नोलॉजी हासिल करने की मंजूरी देगा। जिसके बाद भारत को प्रिडेटॉर-बी और एमक्‍यू-9 जैसे ड्रोन को हासिल करने में मदद मिलेगी। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कॉमकासा के लिए बस थोड़ी बातचीत बाकी है। बेका ड्राफ्ट पर भी चर्चा जारी है। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि भारत को कुछ खास आश्‍वासन भी दिए गए हैं। भारत को अमेरिका के सबसे करीबी साथी के स्‍टेटस के तौर पर तरजीह दी जा रही है।

अमेरिका जाएंगी भारत की सेनाएं

अमेरिका जाएंगी भारत की सेनाएं

विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण छह जुलाई को वॉशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मटीस और विदेश मंत्री माइक पोंपेओ से मुलाकात करेंगी। यह मुलाकात भारत-अमेरिका का पहला 'टू-प्‍लस-टू' के तहत होगी। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि दोनों देशों तीनों सेनाओं की पहली ज्‍वाइॅन्‍ट एक्‍सरसाइज के लिए भी तैयार हुए हैं। यह एक्‍सरसाइज हर वर्ष होगी। यह दूसरा मौका होगा जब भारत अपनी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की संपत्ति और मानवबल को विदेश में तैनात करेगा। इससे पहले पिछले वर्ष रूस में भारत ने इंद्रा वॉर गेम्‍स के तहत एयरफोर्स को दूसरे देश में भेजा था।

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English summary
The strategic relationship between India and US to get tighter.
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