कितना कारगर रहा "एंटी स्मॉग गन" का ट्रायल?
एक मिनट में 200 लीटर पानी का इस्तेमाल कर भी प्रदूषण कम नहीं कर सका एंटी स्मॉग गन.
एक मिनट में 200 लीटर पानी का इस्तेमाल कर भी प्रदूषण कम नहीं कर सका एंटी स्मॉग गन.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकड़ों में पीएम 2.5 का स्तर 10 बजे के बाद से प्रत्येक घंटे 444, 421, 476, 509 और 460 के स्तर पर था. जबकि पीएम 10 का स्तर 630, 608, 736, 842 और 702 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा.
एंटी स्मॉग गन, जिसे केजरीवाल सरकार ने बुधवार को दिल्ली के आनंद विहार इलाक़े में ट्रायल के रूप में इस्तेमाल किया वो किस हद तक कारगर रहा?
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बीबीसी ने यह जानने की कोशिश की इस मशीन के इंजीनियर सुशांत सैनी से.
कैसे काम करता है "एंटी स्मॉग गन"
इंजीनियर सुशांत सैनी कहते हैं, "मशीन के छोटे छोटे छिद्र से हाई प्रेशर के ज़रिए पानी को हवा में ऊपर की ओर 50 से 70 मीटर की ऊंचाई तक ले जाया जाता है. जिससे हवा में मौजूद धूलकण, धुंआ और पीएम 2.5 कणें नीचे बैठ जाती हैं."
उन्होंने कहा, "इस मशीन से एक घंटे में 30-40 किलोमीटर के इलाक़े को कवर किया जा सकता है. मशीन में एक बार में 12 हज़ार लीटर पानी भरा जाता है. जिससे कृत्रिम बारिश करायी जाती है."
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सुशांत का दावा प्रदूषण में हुई कमी
सुशांत ने बताया कि इसे सुबह से तीन चार राउंड चलाया गया है. उन्होंने कहा, "पीएम 10 का स्तर 150 यूनिट कम हुआ है. जबकि पीएम 2.5 की मात्रा में 100 यूनिट की कमी हुई है."
सुशांत ने कहा, "12 हज़ार लीटर पानी का ख़र्च इससे बड़ी मशीन में होगा. यहां पर 2 हज़ार लीटर का टैंक है. एक पूरा सेटअप बनेगा जिसपर टैंक होगा. उसमें हम इसे लंबे समय तक चलाने के लिए 12 हज़ार लीटर पानी रखेंगे."
सुशांत ने बताया कि क्लाउट टेक ने ये मशीने सीमेंट प्लांट, पावर प्लांट में भी लगायी है जहां ये सफल रही हैं.
उन्होंने बताया कि बहुत ज़्यादा प्रदूषण वाले उद्योगों के आस पास इन मशीनों को लगाया है.
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डीजी सेट से चलेगी यह मशीन
एंटी स्मॉग गन को चलाने के लिए पावर की ज़रूरत होगी और सीएनजी से चलने वाले डीजी सेट से इसे ऊर्जा मिलेगी. एंटी स्मॉग गन 360 डिग्री के कोण पर घूमता है और पानी का छिड़काव 150 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह स्वचालित मशीन होगी.
सुशांत कहते हैं, "सरकार को इसका समय निर्धारित करना होगा. सुबह और शाम को चलाया जा सकता है. कृत्रिम बारिश के ज़रिए यह वातावरण में मौजूद धूल कणों को यह नीचे बैठा देता है."
चीन के मुक़ाबले यहां इस मशीन की क़ीमत आधी पड़ेगी. हालांकि सुशांत ने बताया कि एक एंटी स्मॉग गन की क़ीमत 20-25 लाख रुपये होगी.
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लोग क्या कहते हैं?
आनंद विहार इलाक़े के प्रियांशु कहते हैं कि मशीन गीला तो करेगी लेकिन स्मॉग की समस्या से निजात मिलेगा.
इसी इलाके के एक दुकानदार ने बीबीसी से कहा कि डेमो देख कर लग रहा है कि यह कारगर होगा.