क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Happy new year 2020: कृषि और खाद्य सुरक्षा में कितना आत्मनिर्भर हुआ भारत?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने विजन-2020 में उम्मीद जाहिर कि थी कि 20 वर्ष से काफी पहले ही भारत अपनी जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में खाने-पीने की चीजें उत्पादन करने में सक्षम हो सकेगा। उन्होंने कल्पना की थी कि भारत इतना खाद्यान उत्पादन करेगा, जिससे वह अपने नागरिकों को सेहतमंद भोजन तो उपलब्ध करा ही सके, यह एक बड़ा खाद्यान निर्यातक देश भी बनेगा। उन्होंने सोचा था कि सभी तरह के अनाजों और डेयरी प्रोडक्ट का भारत सरप्लस उत्पादन करने में सक्षम होगा। उनकी कल्पना थी कि भारत वैल्यु-ऐडेड फसलों का उत्पादन करके कृषि क्षेत्र में एक और हरित क्रांति करके दिखा सकता है, जिससे बढ़ती घरेलू आवश्यकताओं का पूरा करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। आज की तारीख में हम यह मान सकते हैं कि इस क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर भी हुआ है और निर्यात के क्षेत्र में भी तेजी से कदम बढ़ाने को तैयार हो चुका है।

देश खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है

देश खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है

इसी साल 6 जुलाई को एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- "आज देश खाने-पीने के मामले में आत्मनिर्भर है तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ देश के किसानों का पसीना है, सतत परिश्रम है। अब हम किसान को पोषक से आगे निर्यातक यानि एक्सपोर्टर के रूप में देख रहे हैं। अन्न हो, दूध हो, फल-सब्जी, शहद या ऑर्गेनिक उत्पाद, ये हमारे पास निर्यात की भरपूर क्षमता है; और इसलिए बजट में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए माहौल बनाने पर बल दिया गया है। फूड-प्रोसेसिंग से लेकर मार्केटिंग तक का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर निवेश बढ़ाया गया है।" यानि, कलाम साहब ने जो सपना देखा था, इस क्षेत्र में हम उसी रास्ते पर चलते दिख रहे हैं।

कई चीजों का हो रहा है रिकॉर्ड उत्पादन

कई चीजों का हो रहा है रिकॉर्ड उत्पादन

खाने-पीने की चीजों के मामले में भारत आत्मनिर्भर हुआ इसकी वजह ये है कि आज कई अनाजों और खाद्यानों का हम रिकॉर्ड उत्पादन करने में सक्षम हुए हैं। मसलन, पिछले वित्त वर्ष में भारत में 28.5 करोड़ टन खाद्यानों का उत्पादन हुआ है। इसके अलावा 31.1 करोड़ टन फल और सब्जियां भी उगाई गई हैं। जिन खाद्यानों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, उनमें चावल- 11.57 करोड़ टन, गेहूं- 10.12 करोड़ टन का उत्पादन शामिल है। इसके अलावा 2.33 करोड़ टन दाल, 1.09 करोड़ टन चना और 0.35 करोड़ टन तुअर के अलावा 3.15 करोड़ टन ऑयलसीड्स की पैदावार हुई है। जबकि, पिछले साल देश में गन्ने की भी रिकॉर्ड पैदावर 40.37 करोड़ टन का रहा है।

इन चीजों के उत्पादन में भी आगे

इन चीजों के उत्पादन में भी आगे

बागवानी उत्पादों की बात करें तो 2017-18 में देश इसका उत्पादन 31.18 करोड़ टन दर्ज किया गया था। जबकि, इसी दौरान 17.63 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ और देश में तब प्रति व्यक्ति रोजाना 375 ग्राम दूध का उत्पादन हो रहा था। 2017-18 में ही देश में करीब 95.2 अरब अंडों का उत्पादन हुआ, जबकि 1.26 करोड़ टन मछली का उत्पादन किया गया।

फूड-प्रोसेसिंग में भी बढ़ रहा है काम

फूड-प्रोसेसिंग में भी बढ़ रहा है काम

देश में बढ़ते खाद्यान और दूसरे संबंधित उत्पादों में इजाफे के मद्देनजर ही सरकार ने मेगा फूड पार्क स्कीम के तहत 42 मेगा फूड पार्क निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें से 17 मेगा फूड पार्कों में काम भी शुरू हो चुका है। अनुमानों के मुताबिक 2020 तक भारतीय खाद्य और खुदरा बाजार 828.92 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। जबकि, अगले साल तक भारतीय डेयरी इंडस्ट्री 140 अरब डॉलर से दोगुना होने की उम्मीद है। एक अनुमान के मुताबिक 2024 तक देश की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में 90 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है।

इसे भी पढ़ें- Happy new year 2020: विकसित देश बनने की दौड़ में भारत के मुकाबले कहां खड़े हैं प्रतिद्वंदी देश?इसे भी पढ़ें- Happy new year 2020: विकसित देश बनने की दौड़ में भारत के मुकाबले कहां खड़े हैं प्रतिद्वंदी देश?

Comments
English summary
According to Dr. Kalam's vision, India has become self-sufficient in agriculture and food security in the last 20 years
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X