तो इसलिए बर्दवान ब्लास्ट पर चुप हैं ममता बनर्जी
बर्दवान।
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
जो
छात्रों
से
सवाल
पूछ
बैठती
हैं
कि
क्या
वे
नक्सलियों
से
मिले
हैं,
उनके
राज्य
में
जो
कुछ
हो
रहा
है,
उसके
बाद
तो
उन्हें
खुद
सोचना
पड़ेगा
कि
आखिर
कौन
किससे
मिला
है।
बर्दवान
ब्लास्ट
की
जांच
में
लगी
एजेंसियों
का
शक
अब
पूरी
तरह
से
साफ
हो
गया
है
कि
सारदा
घोटाले
और
बर्दवान
ब्लास्ट
के
बीच
एक
गहरा
नाता
है।
सारदा घोटाले बर्दवान ब्लास्ट का कनेक्शन
बर्दवान ब्लास्ट की जांच में शामिल जांचकर्ताओं की टीम कई दिनों से उस एक सुराग को तलाशने की कोशिश कर रही थी जिससे यह साबित हो सके कि कहीं न कहीं घोटाले और ब्लास्ट के बीच गहरा नाता है। अब जाकर उन्हें इस बात का पता चल सका है।
बर्दवान ब्लास्ट में जिस शकील अहमद उर्फ स्वप्न मंडल की मौत हो गई थी, उसे सारदा घोटाले से कुछ फंड दिया गया था। इस फंड को पश्चिम बंगाल में प्रयोग किया गया। वनइंडिया को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी के एक अधिकारी की ओर से इस बारे में खास जानकारी दी गई।
ब्लास्ट पर खामोशी दीदी
जब सारदा घोटाले में उनकी पार्टी के सांसद की गिरफ्तारी होती है तो ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के लोग जोर-शोर से हल्ला मचाने लगते हैं लेकिन जब उनके ही राज्य में एक बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा होता है तो लगता है कि मानों सबको सांप सूंघ गया हो।
जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश और सारदा घोटाले को अंजाम देने वाले लोगों के बीच 75 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन के बारे में एनआईए करीब से जांच कर रही है।
शकील भले ही ब्लास्ट में मारा गया हो लेकिन उसके पास से जो डॉक्यूमेंट्स एनआईए को मिले हैं उनसे इसी बात का इशारा मिलता है कि पिछले तीन वर्षों में सारदा घोटाले की आरोपियों की ओर से 18 बार रकम को बाहर भेजा गया। इस रकम को कई किश्तों में बांग्लादेश में जमा कराया गया था।
ईडी और सीबीआई को भी शक
ईडी और सीबीआई जो सारदा घोटाले की जांच में लगी हुई हैं। इन दोनों ही एजेंसियों का कहना है कि जेएमबी के साथ किसी भी तरह के ताल्लुकात के बारे में भी काफी गहनता से जांच की जा रही है। वहीं एजेंसियां इस बात को
लेकर निश्चिंत हैं कि घोटाले की अच्छी खासी रकम को बांग्लादेश भेजा गया और फिर वहां के बैंकों में इसे जमा कराया गया। यहां से इस पैसे को दुनिया के अलग-अलग हिस्से में भेजा गया जिसमें कुवैत और सऊदी अरब खासतौर पर शामिल हैं।
टीएमसी के सांसद का बड़ा रोल
जेएमबी और सारदा के बीच मौजूद एक मीडिल मैन के बारे में भी जांच जारी है। एक अहम व्यक्ति इस पूरे एपिसोड में शामिल था और वह कोई और नहीं तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद हसन हैं। फिलहाल हसन से ईडी पूछताछ कर रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सारदा का कुछ पैसा जमात के जरिए बांग्लादेश भेजा। हालांकि अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भारत और बांग्लादेश दोनों ही इस मसले की जांच कर रहे हैं और पूरे प्रकरण में पैसे के लेनेदेन पर और जानकारी के लिए जांच जारी है। बांग्लादेश की ओर से इमरान नामक शख्स पर आरोप लगाया गया है कि वह बांग्लादेश की सत्तारुढ़
आवामी लीग के खिलाफ साजिश का अंजाम देने की कोशिशों में लगा हुआ है। जांचकर्ताओं के मुताबिक इमरान ने पश्चिम बंगाल में कई तरह के विरोध प्रदर्शन इस सिलसिले में किए।
वहीं इंटेलीजेंस ब्यूरो की ओर से भी यही बात कही गई है कि इमरान जमात का खासा समर्थक रहा है और उसकी गतिविधियां भी काफी संदेहास्पद रही हैं। जमात को इसके हवाला ट्रांजैक्शन के बारे में जनाता जाता है और हो सकता है कि सारदा घोटाले की रकम को भारत से बाहर भेज दिया गया हो।