पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश, भारतीय इंजीनियर को आतंकी साबित करना चाहता था पाकिस्तान
नई दिल्ली। पाकिस्तान जो कश्मीर मसले पर पूरी तरह से फेल हो चुका है और अपनी हताशा को निकालने के लिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के दौरान शर्मसार करने की साजिश रची थी। इस साजिश में एक ऐसे इंजीनियर को फंसाया जा रहा था जिसे अगर सही समय पर नहीं निकाला जाता तो शायद उसका अंजाम भी कुलभूषण जाधव की तरह होता। पाक की पूरी कोशिश थी कि इस भारतीय इंजीनियर को आतंकी साबित कर दिया जाए। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
मार्च में रची थी पाक ने साजिश
सात सितंबर को अफगानिस्तान से भारतीय इंजीनियर वेणुमाधव डोंगारा को भारतीय एजेंसियों की तेजी की वजह से इस इंजीनियर को निकाला गया। इसके साथ ही पाक के मंसूबों पर भी पानी फिर गया। पाक इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की ओर से डोंगारा को आधार बनाकर इस पूरी साजिश का प्लॉट तैयार किया गया था। आईएसआई ने अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण काम में लगी एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के इस इंप्लॉई को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत इस माह ब्लैक लिस्ट कराने की तैयारी कर ली थी। सूत्रों की मानें तो चीन ने भी इस मामले में पाकिस्तान का साथ देने का मन बना लिया था। इस पूरी साजिश को मार्च में तैयार किया गया था।
पीएम मोदी को शर्मसार करने की तैयारी
पाकिस्तान, भारत को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिशों के तहत उंगा के दौरान पीएम मोदी को शर्मसार करने की तैयारी में था। इसके तहत भारतीय इंजीनियर जो कि केईसी इंटरनेशनल के साथ काम करते हैं, उन्हें उसी आतंकी संगठन का हिस्सा बताने की तैयारी की ली गई थी जिसने पेशावर के एयरबेस को साल 2015 में निशाना बनाया था। पेशावर एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में 29 लोगों की मौत हो गई थी। केईसी इंटरनेशनल आरपीजी ग्रुप की शाखा है। 1267 समिति का गठन 9/11 के बाद हुआ था। इसके तहत इंजीनियर को वित्तीय मदद, आतंकी हमले की योजना, आतंकियों की मदद करने के अलावा हथियारों की सप्लाई और हमलों से जुड़े आतंकी सामानों को आईएसआईएस या फिर अल कायदा को करने के तहत आरोपी बनाने की तैयारी थी।
छह इंजीनियर अभी भी फंसे
डोंगारा अब भारत वापस आ चुके हैं मगर छह और कर्मी जो केईसी के साथ हैं, वह अभी तक तालिबान के कब्जे में ही हैं। अगर डोंगारा को बाहर नहीं निकाला जाता तो फिर इस बात की पूरी संभावना थी कि आईएसआई, अफगानिस्तान से उनका अपहरण कर लेती। आईएसआई, बिल्कुल जाधव की तरह इस पूरे एपिसोड को अंजाम देने की कोशिशों में थी। पाक का कहना है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया और वह आतंकी गतिविधियों में शामिल था। पाक ने एफआईआर में बताया कि वह यूएन की तरफ से प्रतिबंधित संगठन तारिक गिदार ग्रुप को पेशावर में हथियार और विस्फोटक सप्लाई कर रहे थे।
कौन हैं इंजीनियर डोंगारा
डोंगारा एक किसान परिवार से आते हैं और उनके पास पावर सिस्टम में एमटेक की डिग्री है। उनका पहला प्रोजेक्ट अफगानिस्तान के बाघलान प्रांत में था। जनवरी 2019 को पूरा हुआ यह प्रोजेक्ट 500 किलोवाट सबस्टेशन का था और इसे दश्त-ए-अलवान नाम दिया गया था। इसके बाद वह दोशी-बामियान ट्रांसमिशन लाइन पर बतौर प्रोजेक्ट इंजीनियर काम कर रहे थे। डोंगारा दिसंबर 2016 में अफगानिस्तान गए थे। इससे पहले वह चेन्नई में काम कर रहे थे। पाक ने डोंगारा के खिलाफ 11 मार्च को एफआईआर फाइल की थी। उन पर 302, 324, 353, 148, 149, 120B-3/4/5 Exp-15AA 7ATA-21 (i)-11 (N) ATD, CTD के तहत केस दर्ज किया गया।