कैसे पाकिस्तान की सेना ने पुंछ हमले में जवानों के साथ बर्बरता करने में की बैट की मदद
भारतीय सीमा के 250 मीटर अंदर आकर पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने भारतीय जवानों के शवों को क्षत-विक्षत।
पुंछ।
सोमवार
को
भारतीय
सेना
की
पेट्रोल
टीम
उस
समय
हैरान
रह
गई
जब
पाकिस्तान
की
स्पेशल
फोर्स
बॉर्डर
एक्शन
टीम
(बैट)
भारतीय
सीमा
के
250
मीटर
अंदर
तक
दाखिल
हुई
और
दो
भारतीय
जवानों
के
शव
के
साथ
बर्बरता
की।
बैट
भारतीय
सीमा
के
250
मीटर
अंदर
तक
दाखिल
हो
गई
थी।
सोमवार
को
सुबह
उसने
यह
कदम
उठाया
और
सेना
के
एक
जवान
के
साथ
ही
बीएसएफ
के
एक
जवान
की
हत्या
कर
दी।
पहले से ही बनाई गई थी योजना
बैट ने पहले से ही हमले की योजना तैयार रखी थी और इसने काफी देर तक पेट्रोलिंग टीम का इंतजार किया। जबकि दूसरी ओर एलओसी पर पाकिस्तान की सेना की ओर से रॉकेट्स और मोर्टार के जरिए फारॅवर्ड पोस्ट्स पर फायरिंग हो रही थी। एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक पाकिस्तान आर्मी ने पहले से ही इसकी योजना तैयार कर रखी थी। सेना ने बैट को भारतीय सीमा के 250 मीटर तक अंदर दाखिल कराया और फिर घात लगाकर हमला किया गया। इस सीनियर ऑफिसर के मुताबिक बैट का टारगेट पेट्रोलिंग टीम के सात-आठ सदस्य थे जो कि पोस्ट पर आए थे। इस सीनियर ऑफिसर के मुताबिक क्योंकि पोस्ट्स फायरिंग का जवाब देने में बिजी थी, टीम के मेंबर्स उन्हें कवर देने के लिए गए। इसी प्रक्रिया में दो सदस्य पीछे रह गए और इन्हें ही बैट ने अपना निशाना बना लिया।
पाक की स्पेशल फोर्स बैट
पुंछ में हुए हमले में बीएसएफ की 200वीं बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम सागर और सेना की 22वीं सिख रेजीमेंट के नायब सूबेदार परमजीत सिंह शहीद हो गए थे। बैट ने इन्हीं के शवों के साथ बर्बरता की थी। पाकिस्तान में एसएसजी यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप की ओर से बैट को तैयार किया जाता है। इसका पहला काम एलओसी पर आठ जनवरी 2013 जैसे काम को अंजाम देना है। फरवरी 2000 में कारगिल की जंग के बाद पाकिस्तान की इसी बैट ने राजौरी सेक्टर के नौशेरा में सात भारतीय जवानों की हत्या कर दी थी। उस समय सिपाही भाऊसाहेब तालेकार की बिना सिर वाले शव को देखकर इंडियन आर्मी हैरान थी। बैट एलओसी के एक से तीन किलोमीटर तक के दायरे में अपने काम को अंजाम देती है। विशेषज्ञों के मुताबिक बैट भारतीय जवानों के शवों को क्षत-विक्षत करती है और कभी उनका सिर इसलिए काटकर ले जाती है ताकि वह सैनिकों को डरा सके और एक तरह की मनोवैज्ञानिक जंग का आगाज कर सके। बैट में शामिल कमांडोज और आतंकवादियों के पास एके-47 राइफल, स्विट्जरलैंड में बने बर्फ के कपड़े और स्नो बूट्स के अलावा डिजिटल डिवाइसेज होती हैं।