मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार को मिलेगी कितनी सैलरी?
मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार को मिलेगी कितनी सैलरी?
नई दिल्ली। बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की ताजपोशी हो गई है। सोमवार को नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि इस बार बिहार सरकार में दो उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं, लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। मार्च 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार का सीएम के तौर पर यह सातवां कार्यकाल है। आइए जानते हैं कि मुख्यमंत्री के पद पर नीतीश कुमार को कितना वेतन और कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी।
सीएम के तौर पर नीतीश को मिलेंगी ये सुविधाएं
न्यूज सोर्स के मुताबिक, बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार को 2,15,000 रुपए (दो लाख, पंद्रह हजार रुपए) मासिक वेतन मिलेगा। इस वेतन में बेसिक सैलरी और मुख्यमंत्री को मिलने वाले अन्य भत्ते शामिल हैं। नीतीश कुमार को सैलरी के अलावा चिकित्सा सुविधाएं, सुरक्षा, आवासीय सुविधाएं, यात्रा भत्ते, बिजली और फोन की सुविधा मिलेगी। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद नीतीश कुमार को पेंशन के तौर पर एक निश्चित धनराशि मिलेगी, जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है।
जब केवल 7 दिन के लिए सीएम बने नीतीश
मार्च 2000 में, जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, तो नीतीश कुमार ने पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हालांकि उस समय 324 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए के पास केवल 151 विधायक ही थे और बहुमत ना साबित करने की वजह से उन्हें महज 7 दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद 2000 से 2005 तक बिहार में राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहीं।
2015 में लालू संग बनाया महागठबंधन
2005 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को बिहार में पूर्ण बहुमत मिला और 24 नवंबर 2005 को नीतीश कुमार ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद 17 मई 2014 तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए और लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरे। चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन को बहुमत हासिल हुआ और एक बार फिर नीतीश बिहार के सीएम बने।
फिर से एनडीए का हिस्सा बने नीतीश
महागठबंधन की सरकार में लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम और तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री बने। हालांकि कुछ महीनों बाद ही जेडीयू और आरजेडी के बीच मतभेद पैदा हो गए और नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नीतीश एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बने और भाजपा के सहयोग से 6ठीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सीटें घटीं, तीसरे नंबर की पार्टी बनी JDU
हाल ही में घोषित किए गए बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में एनडीए ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिनमें से 74 सीटों पर भाजपा, 43 सीटों पर जेडीयू और 4-4 सीटों पर वीआईपी व हम ने जीत का परचम लहराया है। वहीं, आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली हैं, जिनमें 75 सीटों पर आरजेडी, 19 सीटों पर कांग्रेस, 12 सीटों पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एमएल), 2 सीटों पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) और 2 सीटों पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार जीते हैं। बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को पांच, चिराग पासवान की एलजेपी को 1 और बहुजन समाज पार्टी को भी एक सीट मिली है। बिहार विधानसभा की एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है।
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