कितनी संपत्ति का मालिक था विकास दुबे, अकेले यूपी में 11 मकान और 16 फ्लैट
जानिए, यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के पास कितनी संपत्ति थी...
नई दिल्ली। यूपी का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और कानपुर शूटआउट में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार को एनकाउंटर में मारा गया। एक दिन पहले ही विकास दुबे को उज्जैन में पकड़ा गया था, जिसके बाद यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम उसे लेकर कानपुर लौट रही थी कि रास्ते में उसने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई में मारा गया। विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब उसकी संपत्तियों पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की चल और अचल संपत्ति को लेकर कानपुर पुलिस से डिटेल मांगी है।
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संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड में भी संपत्ति
ईडी ने कानपुर पुलिस से कहा है कि वो विकास दुबे के परिवार और उसके करीबी लोगों से उसकी संपत्ति की जानकारी लेकर प्रवर्तन निदेशालय को दे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन साल में विकास दुबे ने 14 देशों की यात्राएं की और इस दौरान उसने अपने खासमखास लोगों के जरिए संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड में संपत्तियां खरीदी। बताया जा रहा है कि विदेश में उसकी संपत्ति की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है। हाल ही में विकास दुबे ने लखनऊ में एक आलीशान बंगला खरीदा था, जिसकी कीमत करीब 23 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
यूपी में भी करोड़ों की बेनामी संपत्ति
सूत्रों का कहना है कि अकेले यूपी में ही विकास दुबे के पास बेनामी संपत्ति के तहत 11 मकान और 16 फ्लैट हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विदेशों में भी विकास दुबे के नाम पर संपत्ति है, क्योंकि पिछले तीन साल में उसने कई बार विदेश यात्राएं की। फिलहाल पुलिस यूपी में उसकी अचल संपत्ति की जांच कर रही है। इनमें 23 करोड़ का वो बंगला भी शामिल है, जो उसने हाल ही में लखनऊ के आर्य नगर इलाके में खरीदा था।
किसी बड़े आदमी के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था विकास?
ईडी ने बीती 7 जुलाई को ही कानपुर पुलिस को एक लेटर भेजकर आदेश दिया था कि वो मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विकास के परिजनों और उसके सहयोगियों से उसकी चल और अचल संपत्ति की जानकारी लेकर एजेंसी को दें। इसके अलावा ईडी ने पुलिस से विकास दुबे के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों की भी जानकारी मांगी थी। वहीं, इंटेलिजेंस विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि इस बात का भी शक है कि विकास दुबे किसी बड़े आदमी के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का काम करता था।
कैसे मारा गया विकास दुबे
आपको बता दें कि विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था। कानपुर पश्चिम के एसपी के मुताबिक, 'पुलिस और एसटीएफ टीम विकास को लेकर लौट रही थी कि तभी कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। गाड़ी पलटने के दौरान विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और पुलिसवालों पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस टीम ने विकास को चेतावनी दी कि वो सरेंडर कर दे, लेकिन वो नहीं माना। विकास के फायर करने के बाद पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे के सीने व कमर में गोली लगी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।'
मामले में अभी भी 12 वांटेड बदमाशों की तलाश
वहीं इस पूरे मामले को लेकर जानकारी देते हुए यूपी के एडीजी (लॉ़ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया, 'घटना के दौरान तीन सब इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और एसटीएफ के दो कमांडो घायल हुए हैं। इस केस में अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, 6 आरोपी मारे जा चुके हैं और आईपीसी की धारा 120बी के तहत 7 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं अभी भी 12 वांटेड बदमाश फरार चल रहे हैं।'
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विकास दुबे के एनकाउंटर पर अखिलेश-मायावती ने क्या कहा
इस एनकाउंटर को लेकर विपक्ष की तरफ से सवाल भी उठाए जा रहे हैं। सपा मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास दुबे के मारे जाने के बाद ट्वीट करते हुए कहा, 'दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।' बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस की गाड़ी पलटने व विकास दुबे के भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
सच सामने आना चाहिए- प्रियंका गांधी
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मामले लेकर सीधे योगी सरकार को निशाने पर लिया। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए।'