अनुपम खेर का नसीरुद्दीन शाह पर निशाना, पूछा- और कितनी आजादी चाहिए आपको?
मुंबई। हिंदी सिनेमा के प्रख्यात अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को उस वक्त लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा जिस वक्त उन्होंने कहा कि उन्हें इस देश में अब डर लगने लगा है, समाज में जहर घुल गया है, लोगों ने शाह को उनके इस बयान के लिए ट्रोल भी किया, लोगों ने उनके खिलाफ बयानबाजी करते हुए लिखा कि नसीर साहब राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं। जब 26/11 का हमला हुआ तब इन्हें डर नहीं लगा, आज क्यों डर लग रहा है, तो वहीं अब उनके खिलाफ उनके साथी कलाकारों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
नसीरुद्दीन से अनुपम खेर ने पूछा-और कितनी आजादी चाहिए?
हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने नसीरूद्दीन से सवाल पूछा है कि 'आखिर और कितनी आजादी चाहिए?' ,अनुपम खेर ने कहा कि देश में इतनी आजादी है कि सेना को अपशब्द कहे जा सकते हैं, एयर चीफ की बुराई की जा सकती है और सैनिकों पर पथराव किया जा सकता है। नसीरुद्दीन शाह को जो कहना था वो उन्होंने वह कह दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जो कहा गया है वह सच है।
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आप किसके बारे में बात कर रहे हैं-अभीजीत भट्टाचार्य
इससे पहले गायक अभीजीत भट्टाचार्य ने भी कहा था कि कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है उस पर नसीरुद्दीन शाह ने कभी कुछ नहीं कहा, आज ये किसके बारे में बात कर रहे हैं।
68 साल की उम्र में उन्हें क्यों डर लगा-अखिल भारत हिन्दू महासभा
तो वहीं अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष और हिन्दू न्याय पीठ हिन्दू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक अग्रवाल की ओर एक वीडियो जारी किया गया था। इसमें नसीरुद्दीन शाह से पूछा गया था कि 68 साल की उम्र में उन्हें क्यों डर लगा, आपने जो किरदार फिल्म सरफरोश में निभाया था, वह आज उसी के जैसे लग रहे हैं। अपने संदेश में नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए कहा है कि अन्यथा की दशा में हिन्दू महासभा उन्हें जवाब देने के लिए तैयार है।
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आज गाय की जान इंसान से ज्यादा कीमती है-नसीरुद्दीन शाह
मालूम हो कि के दिग्गज अभिनेताओं में से एक माने जाने वाले नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा पर एक विवादित बयान दिया है, उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति काफी खराब हो गई है, इस वक्त पूरे समाज में जहर फैल चुका है। आज गाय की जान इंसान से ज्यादा कीमती है। उन्होंने कहा कि आज कानून हाथ में लेने की खुली छूट है। कोई कहीं भी, कभी भी, किसी को भी, मार देता है और कोई कुछ नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मुझे डर नहीं लगता लेकिन देश के हालात से मुझे गुस्सा आता है, अपने बच्चों के लिए फिक्र होती है।
समाज में जहर फैल चुका है: नसीरुद्दीन शाह
एक वेबसाइट से बातचीत करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि हमने बुलंदशहर हिंसा में देखा कि आज देश में एक गाय की मौत की अहमियत पुलिस ऑफिसर की जान से ज़्यादा होती है, मुझे इस बात से डर लगता है कि अगर कहीं मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा और उसके बाद भीड़ कुछ भी कर सकती है और हम में से कोई कुछ नहीं कर पाएगा।
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