क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

2021 की तैयारी में क्या इतनी बदल गई हैं ममता, TMC भी अब पहले जैसी नहीं रही ?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- 2011 और 2016 के विधानसभा चुनावों में धमाकेदार जीत ने टीएमसी कार्यकर्ताओं का उत्साह कई गुना बढ़ा दिया था। ऐसा लग रहा था कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी अब अजेय बन चुकी है। लेकिन, पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने दीदी और उनकी पार्टी को सातवें आसमान से ऐसे गिराया कि उन्हें खजूर पर लटकने को मजबूर कर दिया। अब भाजपा और उसके कार्यकर्ता उत्साह से भर गए। लेकिन, उसके बाद से ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने अपने रवैए में बहुत ज्यादा बदलाव लाना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी ही पार्टी के भ्रष्ट नेताओं-कार्यकर्ताओं के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया। दीदी ने अपने गरम मिजाज को राजनीतिक मजबूरियों के चलते शांत रखना सीखा। पार्टी और अपनी छवि बदलने के लिए कुछ अपना अनुभव लगाया और कुछ प्रोफेशनल लोगों से इसे खरीदने की कोशिश की। आइए समझते हैं कि दीदी और उनकी पार्टी में बीते सालभर में कितना परिवर्तन नजर आ रहा है।

Recommended Video

West Bengal: Nandigram में Amphan पीड़ितों के राहत वितरण में Corruption | वनइंडिया हिंदी
2021 की तैयारी में क्या इतनी बदल गई हैं ममता

2021 की तैयारी में क्या इतनी बदल गई हैं ममता

टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस और उसके नेता-कार्यकर्ता अपनी सियासी आक्रमकता के लिए जाने जाते रहे हैं। यह आक्रमकता ऐसी कि तीन दशक से भी ज्यादा वक्त तक बंगाल की सत्ता पर कुंडली जमाए सीपीएम जैसे कैडर आधारित पार्टी का भी तंबू ऐसे उखाड़ा कि केरल के अलावा देशभर में उसे आज अपने वजूद के लिए ही संघर्ष करना पड़ रहा है। बीते 9 वर्षों की सत्ता ने टीएमसी के नेताओं और कैडरों में भी वही सारी खामियां भर दीं, जो ज्यादा दिनों तक सत्ता में रहने वाली लगभग हर पार्टी के लोगों में अक्सर आ जाती हैं। लेकिन, लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों ने दीदी के सियासी हृदय को परिवर्तित कर दिया। उन्होंने अपनी पार्टी को पारदर्शी बनाने और भ्रष्ट नेताओं पर नकेल कसने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पार्टी अब नेताओं कार्यकर्ताओं से उनके काम का हिसाब मांग रही है, उनकी गतिविधियों पर विभिन्न माध्यमों से नजर रख रही है। जनता की शिकायतों को सीधे सुनने के लिए उन्होंने लोकसभा चुनावों के दो महीने बाद ही 29 जुलाई को 'दीदी के बोलो' नाम से प्लेटफॉर्म लॉन्च कर दिया, जिस टॉल फ्री नंबर पर जनता सीधे मुख्यमंत्री के दफ्तर तक अपनी शिकायतें पहुंचा सकती है।

पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा

पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा

9 साल तक आक्रमक तरीके से सत्ता चलाने के बाद ही सही शायद दीदी को यह एहसास हो चुका है कि कहीं न कहीं पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं की जन-विरोधी हरकतों के चलते जनता में नाराजी है। इसलिए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर पार्टी नेताओं से कहना शुरू कर दिया है कि या तो भ्रष्टाचार छोड़ दें या फिर पार्टी छोड़कर चले जाएं। वो कह चुकी हैं, 'जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है।' पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं नेताओं, पंचायत प्रधानों से कहा गया कि वो जनता से वसूली गई 'कट मनी' उन्हें लौटा दें। क्योंकि, बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी इस मुद्दे को खूब जोर-शोर से उठाती रही है। राज्य सरकार ने धांधली के आरोपी कुछ राशन डीलरों की गिरफ्कारी भी करवाई है, जिनके सिर पर कभी सत्ताधारी नेताओं का हाथ होने के आरोप लगते थे। जानकारी के मुताबिक पार्टी ने पिछले तीन महीनों में ही पार्टी 350 से ज्यादा कैडरों को भ्रष्टाचार के मामले में कारण बताओ नोटिस थमाया है। इसमें 200 कार्यकर्ता पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम के हैं, जिनपर अम्फान तूफान के दौरान हेरफेर के आरोप लगे हैं। इन सभी नेताओं-वर्करों से कहा गया कि या तो लोगों का पैसा लौटाएं या पुलिस शिकायत दर्ज होने का इंतजार करें। न्यूज18 के मुताबिक पूर्वी मेदिनीपुर के टीएमसी जिलाध्यक्ष सिसिर अधिकारी ने इसके बारे में कहा, 'कुछ लोग भ्रष्टाचार में बहुत ज्यादा लिप्त हो गए थे। उनमें से कुछ ने लोगों के कल्याण का पैसा लौटाना शुरू कर दिया है। पार्टी ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।' पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी की मानें तो 'सिर्फ नंदीग्राम में ही नहीं यह प्रक्रिया पूरे राज्य में चलने वाली है। सिर्फ कारण बताओ और पार्टी से निकालने से समस्या का हल नहीं होगा, हम उनके खिलाफ कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की भी योजना बना रहे हैं।'

इतनी बदल चुकी हैं ममता !

इतनी बदल चुकी हैं ममता !

गौर करने पर पता चलता है कि पिछले कुछ महीनों से एक पूरी रणनीति के तहत टीमएसी और ममता के रवैए में बदलाव देखने को मिल रहा है। दोनों को नए अवतार और बदली हुई छवि के साथ जनता के बीच में पेश करने की कोशिशें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की नजर 2021 के शुरुआत में होने वाले विधानभा चुनाव पर टिकी है, जिसके बारे में वह जान चुकी हैं कि आने वाला चुनाव 2011 और 2016 जितना आसान नहीं रहने वाला है। पार्टी में आए बदलाव का संकेत दीदी के बदले-बदले बर्ताव से ही नजर आ जाता है। दिसंबर-जनवरी का महीना याद कीजिए। सीएए-एनआरसी के विरोध के नाम पर बवाल मचा था। उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी, 2020 में कोलकाता पहुंचे थे। उसी दिन राजभवन में पीएम मोदी से मिलकर ममता सीएए-एनआरसी के खिलाफ आयोजित एक जनसभा में पहुंचीं। वहां कुछ वामपंथी प्रदर्शनकारी उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, उनपर भाजपा के साथ गुप्त समझौते का आरोप लगा रहे थे। ममता चाहतीं तो अपने मशहूर अंदाज में पुलिस के डंडों से उन प्रदर्शनकारियों को शांत करवा सकती थीं। लेकिन, बदली हुईं ममता ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने 'गो बैक दीदी, गो बैक मोदी' के नारेबाजी के बीच हाथ जोड़कर कहा- 'मुझे गलत मत समझिए.....उनसे मिलना मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी थी।.........यह मेरा दायित्व था.....भूल बुझेन ना...' दीदी के इस बदले अंदाज को टीएमसी ने ही नहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने उनका मास्टरस्ट्रोक माना है।

प्रशांत किशोर से मिला मेकओवर वाला डोज

प्रशांत किशोर से मिला मेकओवर वाला डोज

सीएए-एनआरसी के खिलाफ आयोजित रैली में पार्टी ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि कोई भी नेता गैर-जरूरी बयान न दे। राजनीतिक मामलों के जानकार कपिल ठाकुर का कहना है, 'राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर टीएमसी ने अपनी छवि बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को जवाब देते वक्त अपने टोन में बहुत ज्यादा बदलाव कर लिया है। उन्हें महसूस हो चुका है कि जमीनी स्तर पर लोग भ्रष्टाचार और कट मनी के मुद्दे पर बहुत ज्यादा नाराज हैं।.......यह सीधा-सीधा छवि बदलने की कोशिश है और इसके पीछे प्रशांत किशोर का दिमाग है। '

भाजपा के बढ़ते वोट शेयर से परेशान हुईं दीदी

भाजपा के बढ़ते वोट शेयर से परेशान हुईं दीदी

ये बात किसी से नहीं छिपी रह गई है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने ममता बनर्जी के सबसे बड़े डर को सच कर दिया है। 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 2014 के मुकाबले 16 सीटें ज्यादा जीतकर 18 की टैली तक पहुंच गई। दीदी को एसहास है कि भाजपा को रोकना है तो अपनी और पार्टी के रवैए को ठीक करना जरूरी है। सीटों से ज्यादा दीदी को भाजपा का वोट शेयर डरा रहा है। 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 10.2 फीसदी वोट मिले थे, जो कि 2019 में बढ़कर 40.3 फीसदी तक पहुंच गया। 30.1 फीसदी वोट शेयर का ये बदलाव उन हिंदू मतदाताओं की वजह से हुआ है, जो भाजपा के लिए गोलबंद हुए हैं। वैसे आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा के वोट शेयर में जो इजाफा हुआ है, वह मुख्य तौर पर लेफ्ट और कांग्रेस से मतदाताओं के पलायन की वजह से हुआ है। मसलन, लेफ्ट के वोट शेयर में 2011 से 2016 के विधानसभा चुनाव में 9.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई तो 2014 से 2019 के लोकसभा चुनाव तक आकर वह महज 16 फीसदी पर सिमट गई। इसी तरह कांग्रेस का वोट शेयर 2011 में 8.91 फीसदी था तो 2016 में वह बढ़कर 12.3 हो गया। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव में (2014 में 9.6 फीसदी) सबसे पुरानी पार्टी को केवल 5 फीसदी वोट से ही संतोष करना पड़ा।

टीएमसी के भी वोट शेयर में इजाफा

टीएमसी के भी वोट शेयर में इजाफा

वैसे जहां तक टीएमसी के वोट शेयर की बात है तो वह 2019 तक आते-आते कुछ बढ़ा ही है और इसका एक बड़ा कारण ये माना जा रहा है कि कांग्रेस और लेफ्ट से छिटकने वाले मुस्लिम वोटर उसी के लिए गोलबंद हुए हैं। मसलन, 2011 में टीएमसी को 39 फीसदी वोट मिले थे तो 2016 में उसे 39.56 फीसदी वोट मिले। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में ममता की पार्टी ने 39.3 फीसदी वोट पाया तो 2019 में वह बढ़कर 43.3 फीसदी हो गया। ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां आने वाले चुनाव में ज्यादा जोर लगाती हैं तो यह टीएमसी से ज्यादा बीजेपी के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसीलिए लगता है कि तृणमूल कांग्रेस ने एक सज्जनों वाली की पार्टी की छवि बनाकर कुछ महीने इसी तरह से निकाल लेने का फैसला किया है, ताकि किसी तरह से भगवा ब्रिगेड की बढ़त को थाम सके।

इसे भी पढ़ें- राहुल का सरकार से सवाल- हमारे 20 निहत्थे जवानों की हत्या को कैसे जायज ठहरा रहा चीन?इसे भी पढ़ें- राहुल का सरकार से सवाल- हमारे 20 निहत्थे जवानों की हत्या को कैसे जायज ठहरा रहा चीन?

Comments
English summary
How much has Mamata changed in preparation for 2021, is TMC not the same now?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X