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एमसीडी के नतीजों का भविष्य की राजनीति पर क्या होगा असर?

दिल्ली के निकाय चुनाव के नतीजे कैसे भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा को बदलेंगे, विपक्ष की एकजुटता पर रहेगी नजर

By Ankur
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नई दिल्ली। एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता का हवाला दे रही है, पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि इस नतीजे के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व की स्वीकार्यता और बढ़ी है। लेकिन इस जीत को पीएम मोदी और अरविंद केजरीवाल के बीच की प्रतिस्पर्धा के तौर पर भी देखा जा रहा है। पिछले दस साल से एमसीडी पर भाजपा का कब्जा है और 2015 में जिस तरह से आप ने क्लीन स्वीप किया था उसके बाद निकाय चुनाव में आप के सफाए के माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने केजरीवाल के साथ अपने उस हिसाब को कुछ हद तक तो बराबर ही कर लिया है।

पीएम मोदी में लोगों का भरोसा बढ़ा

पीएम मोदी में लोगों का भरोसा बढ़ा

पीएम मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा एमसीडी के चुनाव में इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय मुद्दों की जगह नोटबंदी जैसे मुद्दों पर बात की गई और इसका लोगों के बीच सकारात्मक संदेश भी गया, जो ईवीएएम मशीन के जरिए परिणामों में भी देखने को मिला। इस चुनाव के बाद एक बार फिर से साफ हुआ है कि पीएम मोदी लोगों को अभी भी उम्मीद और भरोसा देने में कामयाब रहे हैं, ऐसे में आगामी राज्यों में होने वाले चुनाव में पार्टी का भरोसा और बढ़ेंगा।

आप के लिए बड़ी चुनौती

आप के लिए बड़ी चुनौती

एमसीडी के चुनाव में भाजपा की जीत और आप की शर्मनाक हार ने आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है, एक तरफ जहां आप पंजाब में सरकार बनाने का दावा कर रही थी और गोवा में अहम भूमिका निभाने की बात कह रही थी, तो दूसरी तरफ पार्टी अपने गढ़ दिल्ली में ही जनाधार खो रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए यह सबसे बड़ी चिंता का विषया है कि जिस पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल की वह निकाय चुनाव में अपना 50 फीसदी से अधिक जनाधार खो चुकी है, जोकि पार्टी के लिए 2019 में बड़ी मुश्किल का सबब बन सकती है।

गुजरात में भाजपा को राहत

गुजरात में भाजपा को राहत

एमसीडी के चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने बड़ी राहत की सांस ली होगी, इस वर्ष के अंत में गुजरात में चुनाव होना है और यह पीएम मोदी व अमित शाह गढ़ है। लिहाजा इस परिणाम के बाद पार्टी ने बड़ी राहत की सांस ली होगी कि दिल्ली में चुनाव 2015 में हारने के बाद पार्टी ने एक बार फिर से अपनी लोकप्रियता को यहां स्थापित किया। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में चुनाव लड़ने का ऐलान पहले ही कर दिया है। गुजरात में भाजपा तकरीबन 20 साल से सत्ता में हैं, ऐसे में केजरीवाल की चुनौती यहां भाजपा के लिए मुश्किल साबित नहीं होगी।

भाजपा के लिए आसान होता सफर

भाजपा के लिए आसान होता सफर

भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से यूपी के चुनाव में जीत दर्ज की है उसके बाद वह 2019 पर अपनी नजर गड़ा रही है। पार्टी ने अभी से अपनी रणनीति को बनाना शुरु कर दिया है। जुलाई में राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं, यह पहला ऐसा मौका होगा जब एक बार फिर से विपक्ष के पास अपनी एकजुटता दिखाने का मौका होगा। ऐसे में इन परिणामों के बाद भाजपा इस बात की भी उम्मीद कर रही होगी कि कई विपक्षी दल भी उनके साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार होंगे, पीएम मोदी और अमित शाह के लिए यह और बड़ी राहत की खबर ला सकती है।

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English summary
How MCD election result is going to play a key role in future politics. Results are challenge for AAP but boost for BJP in 2019.
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