जानिए, कब-कब राहुल गांधी की हुई है बड़ी बेइज़्ज़ती, जिनके ख़िलाफ़ बार-बार उठते हैं बग़ावती सुर?
नई दिल्ली। 100 साल से अधिक पुरानी हो चुकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपनी दो भागों वाले संस्मरण बुक "ए प्रॉमिस लैंड" में लिखी गई टिप्पणी को लेकर एक ओर जहां बीजेपी के नेता ऊर्जावान हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेसी नेता कांग्रेस के उत्तराधिकारी की बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को एक के बाद एक किए कई ट्वीट के जरिए राहुल गांधी को एक नर्वस नेता वाली टिप्पणी से हुए आघात से बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी तक को नहीं बख्शा है।
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हालांकि यह कांग्रेसी नेता अपने नेता के बचाव में अक्सर ऐसा करते आए हैं। भले ही राहुल गांधी पर हुई टिप्पणी देशी हो या विदेशी। यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी के भाषणों में की गई गलतियों को पाटने और बचाव करने के लिए भले ही और भी बड़ी गलती ही क्यों न करनी पड़ जाए। याद कीजिए जब 36 रॉफेल विमान की खरीद पर राहुल गांधी द्वारा की टिप्पणी गई थी। शिकंजी और कोका कोला के मालिकों की सुनाई गई राहुल गांधी की कहानी भी काफी दिलचस्प थी, जिसका बचाव करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की भी खूब फजीहत हुई थी।
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बराक ओबामा ने राहुल गांधी को नर्वस और कम योग्यता वाला नेता करार दिया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दो भागों में रिलीज हुई नई किताब ए प्रॉमिस्ड लैंड में राहुल गांधी के बारे में की गई टिप्पणी काफी चर्चा में हैं। ओबामा ने अपनी आत्मकथा में राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्हें नर्वस और कम योग्यता वाला नेता करार दिया है। राहुल गांधी की तुलना एक ऐसे छात्र से की गई है, जो कोर्स वर्क तो किया है और शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक भी रहे, लेकिन इस विषय में महारत हासिल करने के लिए या तो उनमें योग्यता नहीं है या उनमें जुनून की कमी है। पुस्तक में लिखी गई यह बात कांग्रेस ही नहीं, कांग्रेस के सहयोगी दलों को बेहद बुरी लगी और ओबामा के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं की ओर जबर्दस्त प्रतिक्रिया की गईं।
भारत और फ्रांस के बीच हुए रक्षा सौदे पर राहुल गांधी की फजीहत हुई
इससे पहले, राहुल गांधी को तब फजीहत का सामना करना पड़ा था जब भारत और फ्रांस के बीच हुए रक्षा सौदे पर राहुल गांधी का बार बार सवाल उठा रहे थे और भारत द्वारा खरीदी गईं 36 रॉफेल विमान की कीमत को लेकर वो लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर हमला कर रहे थे। बवाल इतना बढ़ गया था कि अंततः दो देशों के बीच रक्षा सौदों के गुप्त समझौता का हवाला देते हुए फ्रांस सरकार को सफाई देने सामने आना पड़ गया। रॉफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए तो राहुल गांधी को माफीनामा तक लिखना पड़ा था।
राहुल गांधी रॉफेल विमान सौदे में एक और बात बार बार दोहरा रहे थे
राहुल गांधी यहीं नहीं रूके, जिससे पूरी कांग्रेस पार्टी को शर्मसार होना पड़ गया था। दरअसल, राहुल गांधी रॉफेल विमान सौदे में एक और बात बार बार दोहरा रहे थे कि उन्हें फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रंस्वा ओलांद ने कहा था कि ऑफसेट पार्टनर के चयन में भारत सरकार की भूमिका थी। यहां वो भारत सरकार पर अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे और इस पर सफाई देने के लिए रॉफेल विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट के सीईओ को आना पड़ा। डसॉल्ट सीईओ ने राहुल गांधी के दावों को बुरी तरह खारिज किया।
वर्ष 2001 के बाद से अमेरिका की यात्रा पर नहीं गए हैं राहुल गांधी ?
वर्ष 2001 के बाद से राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर नहीं गए है, जहां उनकी बड़ी बेइज्जती हुई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को को उनकी मदद के लिए आगे आना पड़ा था। बताया जाता है 27 सितंबर को अमेरिका के बोस्टन में लोगान एयरपोर्ट पर अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने राहुल गांधी को हिरासत में ले लिया था। राहुल गांधी कथित रूप से अंतर्राष्ट्रीय कुख्यात कोलंबियन ड्रग माफिया सरगना की लड़की के साथ लाखों रुपए की अवैध विदेशी मुद्रा के साथ पकड़े गए थे। यह बात जैसे ही पता चली, तब प्रधानमंत्री बाजपेयी ने अपनी कूटनीतिक और राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते राहुल गांधी को अमेरिका ने कुछ शर्तों के साथ छोड़ा था। कहा जाता है इस घटना के बाद से राहुल गांधी अमेरिका नहीं गए है। अमेरिकी में हुई यह फजीहत अभी तक उनका पीछा नहीं छोड़ रही है।
जब पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने पुलवामा हमले की सच्चाई बयां कर दी
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को हुए पाकिस्तान की शह पर हुए आंतकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। राहुल गांधी जब तब मौका मिलता है पुलवामा हमले को भारत सरकार की नाकामी गिनाने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान नेशनल असेंबली में गत 29 अक्टूबर को इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले की सच्चाई बयां कर दी। फवाद चौधऱी के जरिए पाकिस्तान द्वारा पुलवामा हमले पर किए गए इस कबूलनामें पर राहुल गांधी की घिग्घी बंध गई है।
वायु सेना कमांडर अभिनंदन की पाक से रिहाई पर हुए खुलासे पर खामोशी
पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने फरवरी 2019 में ही पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक करते हुए पीओके में मौजूद सैंकड़ों आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूत कर दिया था। इस दौरान भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर अभिनंदर वर्दमान को आपात स्थिति में अपना विमान पाकिस्तानी धरती पर उतारना पड़ गया था और पाकिस्तानी सेना द्वारा हिरासत में ले लिया गया था। पहले तो राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस ने एयरस्ट्राइक का मजाक उड़ाया और सबूत मांगे, लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के नेता अयाज सादिक ने भारत द्वारा की गई एयरस्ट्राइक की पुष्टि की, बल्कि अभिनंदन को रिहाई को लेकर खुलासा करके पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कुछ कहने लायक नहीं छोड़ा। अयाज सादिक के मुताबिक पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मीटिंग में कहा था कि अगर अभिनंदन को पाकिस्तान नहीं छोड़ता है तो भारत रात 9 बजे हमला कर देगा।
लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ को लेकर वीडियो ट्वीट भी उल्टा पड़ गया
अभी हाल में लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ और भारतीय जमीन पर कब्जे के दावे को लेकर राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया था। अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से साझा किए गए वीडियो में राहुल गांधी द्वारा दावा किया गया था कि चीन ने लद्दाख के कई इलाकों पर अवैध रूप से निर्माण कर लिया है, लेकिन वीडियो में नजर आ रहे लोगों के चलते इस पूरे प्रोपगेंडे का खुलासा हो गया। दरअसल, जिन लोगों को 'आम आदमी' बताकर राहुल गांधी ने शेयर किया है, असल में वो सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता अथवा स्थानीय कांग्रेसी नेता थे। इसके अलावा वीडियो में कुछ लोग ऐसे भी थे, जो लद्दाख से संबंध ही नहीं रखते थे। इस वीडियो ट्वीट पर भी राहुल गांधी की खूब फजीहत हुई।
अगर कांग्रेस की सरकार होती तो 15 मिनट में चीन को लद्दाख से फेंक देती
हरियाणा के कुरूक्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार होती तो 15 मिनट में चीन को लद्दाख से उठाकर फेंक चुकी होती। चीनी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि चीन में इतना दम कहां से आया, मैं आपको बताता हूं। चीन बाहर से देख रहा है और उसे पता है कि नरेंद्र मोदी ने देश को कमजोर किया है, जिससे उसे लद्दाख में घुसपैठ की हिम्मत मिलती है। राहुल गांधी के उक्त बयान को लेकर रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी की लताड़ लगाई और भारतीय जमीन पर चीनी घुसपैठ को सिरे से खारिज कर दिया। यही नहीं, राहुल गांधी के उक्त बयान की कांग्रेस के भीतर भी अपरिपक्व बताया गया और सोशल मीडिया पर अक्साई चिन ट्रेंड होने लगा, जिसमें लोग राहुल गांधी से सवाल पूछ रहे थे कि चीन ने अक्साई चिन पर कब्जा किया था तो देश में किसी सरकार थी?
जब डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं
वर्ष 2017 में जब डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं, उस वक्त राहुल गांधी ने चीन और भूटान के राजदूत से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने पहले ऐसी किसी मुलाकात के साफ इनकार कर दिया, लेकिन अंततः उन्हें कबूलना पड़ गया। राहुल गांधी ने तब मामले पर हो रही आलोचना पर अपनी फजीहत छुपाने के लिए एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि गंभीर मामलों पर जानकारी रखना उनका काम है, जिस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनका ही ट्वीट रीट्वीट करते हुए तंज कसा, लगता है राहुल गांधी के पास कोई समानांतर सूचना की व्यवस्था है।
जब रिटायर्ड सैनिकों ने कहा कि राहुल गांधी के ट्वीट उनके ज्ञान की कमी है
राहुल गांधी ने चीन के साथ जारी सीमा विवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा था। अमित शाह ने राहुल गांधी की ट्वीट का जवाब देते हुए भारत की सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होने की बात कही थी। इस पर राहुल गांधी ने एक शेर लिखा, सबको सीमा की हकीकत पता है। राहुल के ट्वीट पर रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स ने एतराज जताते हुए उनके ट्वीट को राष्ट्रहित के खिलाफ बताया। रिटायर्ड सैनिकों ने कहा कि राहुल गांधी के ट्वीट उनके ज्ञान की कमी अथवा जवाहर लाल नेहरू की ऐतिहासिक भूलों को इग्नोर करने की कोशिश है। रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स का यह बयान भी राहुल गांधी की फजीहत का कारण बना था।
राहुल गांधी अक्सर अपने सामान्य ज्ञान को लेकर फजीहत के शिकार होते हैं
राहुल गांधी अक्सर अपने सामान्य ज्ञान और आंकड़ों के लेकर फजीहत के शिकार होते हैं। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राहुल गांधी द्वारा अमेरिका की कोका कोला कंपनी और मैकडोनाल्ड कंपनी पर दिए गए बयान को यादकर आज भी लोग मुस्करा पड़ते हैं। अजीबोगरीब बयान में राहुल गांधी ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनी कोका कोला और मैकडोनाल्ड्स की स्थापना से जुडी बातें बताईं थी। उनके मुताबिक कोका कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था और मैकडोनाल्ड कंपनी की शुरूआत एक ढाबा चलाने ने की थी। इसके बाद राहुल गांधी की फजीहत जो हुई सो हुई, लेकिन राहुल गांधी का बचाव करने वाले मनीष तिवारी को भी खूब आलोचना का सामना करना पड़ा था।
राजनीति से अधिक अपनी छुट्टी और सैर-सपाटे के लिए अधिक जाने जाते हैं
राहुल गांधी राजनीति से अधिक अपनी छुट्टी और सैर-सपाटे के लिए अधिक जाने जाते हैं, जिसे छुपाने के लिए कांग्रेस के आला नेता भी हलकान रहते हैं। राहुल गांधी को कितने गंभीर नेता है, इसका परिचय उनके सैर-सपाटे और विदेश में छुट्टी मनाने जाने से समझा जा सकता है। अभी हाल में बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है, लेकिन चुनाव कैंपेन से पहले ही राहुल गांधी विदेश दौरे पर थी। यही नहीं, वर्ष 2015 बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भी राहुल गांधी फ्रांस में थे। वर्ष 2018 के आखिर में जब देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का माहौल तैयार हो रहा था, उस वक्त भी राहुल गांधी प्रस्तावित खाट सभा छोड़कर नए साल की छुट्टी मनाने लंदन पहुंच गए थे। चीन के साथ डोकलम विवाद के बीच भी राहुल गांधी भारत में नहीं थे। नोटबंदी के दौरान भी राहुल गांधी विदेश चले गए थे, जिससे कांग्रेस का नोटबंदी के खिलाफ पूरा कैंपेन फेल हो गया था। तो किस मुंह से कांग्रेस ओबामा की कहीं गईं बातों का विरोध कर रही हैं, जिसमे उन्हें अपरिपक्व और कम जुनूनी नेता कहा गया है।
चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो जाती है
यही कारण है कि जब भी चुनाव कांग्रेस पार्टी हारती है, तो कांग्रेस पार्टी में चारों ओर से राहुल गांधी के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो जाती है। 23 कांग्रेसी वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए लिखी गई चिट्ठी इसकी तस्दीक करते हैं, जिसका विरोध भी राहुल गांधी द्वारा किया गयाा। राहुल गांधी ने इसके लिए चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को बीजेपी से मिले होने का आरोप भी लगा दिया। ओबामा की टिप्पणी पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का बचाव करने उतरे शशि थरूर भी कांग्रेस में परिवार से इतर नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए वकालत कर चुके हैं। कपिल सिब्बल ने बिहार में हार के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा दिए थे। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने हार के लिए बाकायदा राहुल गांधी को कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया है।