केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने बताया- पिछले तीन साल में कितने अफगानी और पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई नागरिकता
नई दिल्ली। लोकसभा में नागिरकता संशोधन बिल ( सीएबी) पास होने के बाद बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया। इस पर विपक्ष ने जमकर विरोध किया और मोदी सरकार पर धार्मिक भेजभाव करने का आरोप लगाया। बिल का समर्थन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने कितने शरणार्थियों को नागरिकता दी। नित्यानंद राय ने बताया कि ये सारी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है जो भी देखना चाहे ऑनलाइन जाकर देख सकता है।
2016 से 2018 तक इतनों को दी नागरिकता
नित्यानंद राय ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि पिछले तीन सालों में 2016 से लेकर 2018 तक 1595 पाकिस्तानी और 391 अफगानियों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है। बता दें कि मीडिया से शरणार्थियों के बारे में बात करते हुए नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मौजूद डेटा के अनुसार पिछले तीन सालों में 1900 से ज्यादा शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जा चुकी है।
वीजा में भी होगा बदलाव
नित्यानंद राय ने बताया कि इस वर्ष यानी की 2019 के 6 दिसंबर तक 40 अफगानी और 712 पाकिस्तानियों को नागरिकता दी जा चुकी है। केंद्रीय गृहमंत्री ने बताते हैं कि वर्ष 2018 से लेकर अब तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए 927 सिखों और हिंदुओं को नागरिकता दी जा चुकी है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि देश में 15 साल या उससे ज्यादा समय से रहने वाले विदेशी वीजा धारक विदेशियों का वीजा बदलकर उसे 'X-Misc'कैटिगरी में डाल दिया जाएगा।
क्या है नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में 'नागरिकता अधिनियम' 1955 में बदलाव के लिए लाया गया है। केंद्र सरकार ने इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है। यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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