जानिए मेक इन इंडिया के जरिए सरकार ने देश के रक्षा क्षेत्र को पिछले साढ़े चार वर्षों में क्या दिया
नई दिल्ली। जल्द ही देश में चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों से पहले राफेल डील को लेकर हंगामा जारी है। करीब पांच वर्ष पहले जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नई सरकार आई थी तो मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत की गई थी। मेक इन इंडिया को सरकार ने देश के रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए लॉन्च किया था। इसका मकसद सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए स्वदेशी तकनीकी को बढ़ावा देना था। डिफेंस एक्यूजीशन काउंसिल यानी रक्षा खरीद परिषद के जरिए कई अहम डील पिछले करीब साढ़े चार वर्षों में की गई हैं। एक नजर डालिए मेक इन इंडिया के जरिए पिछले कुछ वर्षों में किन बड़ी डील्स को अंजाम दिया गया और सेनाओं को कैसे उन डील्स से मदद मिली है।
सेना को मिलेंगी नई तोपें
मेक इन इंडिया के तहत सेना के लिए लार्सन एंड टर्बो द्वारा के-9 वज्रा-टी 155 सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर बनाई गई। 10 वज्र पहले से ही सेना को दे दी गईं हैं और 90 अगले २२ माह में सेना को मिल जाएंगी। वहीं कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने लार्सन एंड टर्बो के गुजरात के हाजरा में स्थित आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स (एएसीसी) का उद्घाटन किया। एएससी एक अत्याधुनिक परिसर है जो होवित्ज, इन्फेंट्री के लिए फाइटर जेट और कॉम्बेट टैंक जैसे हथियार बनाने के काम आएगा। अमेरिका में बनी M777 होवित्ज्र इस वर्ष मार्च से सेना को मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसी 145 होवित्जर्स के लिए भारत और अमेरिका के बीच नवंबर 2016 में कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था। इसमें से पहली पांच ट्रेनिंग के लिए भारत आ चुकी हैं। पहली 25 एम777 हॉवित्जर रेडी-तो-यूज होंगी तो बाकि भारत में ही महिंद्रा डिफेंस के साथ मिलकर तैयार की जाएंगी। यह तीन दशकों में इंडियन आर्मी में शामिल होने वाली पहली फील्ड गन्स हैं। इन बंदूकों को लेने का प्रस्ताव 2010 में आया था।
चिनुक और अटैक हेलीकॉप्टर्स
फिर मई 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद इन होवित्जर्स को भारत लाने की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई। इस सौदे पर मोदी सरकार ने फिर से काम किया और मेक इन इंडिया के तहत इन में से अधिकतर बंदूकों को भारत में जोड़ने का प्रावधान रखा गया। सिर्फ इतना ही नहीं इन बंदूकों में भारत में बना बारूद प्रयोग किया जायेगा। इनका प्रयोग भारत-चीन बॉर्डर पर होगा और इन्हें बोइंग चिनूक हैविलिफ्ट हेलीकॉप्टर के जरिए डेप्लॉय किया जाएगा। भारत ने 15 चिनूक और 12 बोइंग अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की डील पिछले वर्ष जुलाई में की थी। इस वर्ष मार्च से यह सेना को मिलनी शुरू हो जाएंगे। यह हेलीकॉप्टर, सेना के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। भारत को अभी तक रूस में बने एमआई-17 मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर और एमआई-26 पर ही निर्भर रहना पड़ता है। भारत के पास अब तक अटैक हेलीकाप्टर के नाम पर सिर्फ एमआई-35 हेलीकाप्टर ही हैं। इन हेलीकॉप्टर के तीन अरब डॉलर के सौदे में ऑफसेट का प्रावधान भी है जो भारत के रक्षा क्षेत्र में एक अरब का व्यापार लेकर आएगा। देश को 22 अपाचे AH 64D Longbow हेलीकॉप्टर भी मिलेंगे। यह एडवांस्ड मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलीकाप्टर हैं और इनके ज्यादातर पुर्जे भारत की कंपनियां ही बनाएंगी।
इजरायल से हुई मिसाइलों की डील
मोदी सरकार की वजह से कई सालों के इन्तेज़ार के बाद अब एडवांस्ड मध्यम रेंज सरफेस-टू-एयर (MRSAM) मिसाइल भी मिलने वाली हैं। पिछले वर्ष जनवरी में ही भारत ने इजरायल के साथ इन मिसाइल का सौदा किया था। यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट, ड्रोन, सर्वेलन्स एयरक्राफ्ट इत्यादि को मार गिराने में सक्षम हैं। मई 2015 में भारत में बनी सुपरसोनिक सरफेस-टू-एयर मिसाइल आकाश, भारतीय सेना में शामिल की गई है। यह मिसाइल दुश्मनों के हेलीकाप्टर, एयरक्राफ्ट आदि को 25 किलोमीटर की रेंज से निशाना बनाने में सक्षम हैं। जल्द ही सेना को भारत में बानी हुई 'धनुष' आर्टिलरी बंदूकें भी मिलने वाली हैं। हाल ही में सरकार ने मेक इन इंडिया के अंतर्गत छः प्रोजेक्ट 75 (I) सबमरीन भारत में बनाने का फैसला लिया है. साथ ही यह फैसला भी लिया है की भारतीय सेना के लिए तकरीबन 5000 मिलान एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें मंगाईं जाएँगी।
रूस के साथ एस-400 की अहम डील
सरकार ने इंडियन नेवी के लिए लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) और एयर एंड मिसाइल डिफेन्स सिस्टम्स भारत में बनाने के लिए इजरायल के साथ 777 मिलियन डॉलर की डील भी की है। यह LRSAM बराक-8 का ही एक हिस्सा है जिसे पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है। यह LRSAM, DRDO इजरायल के साथ साझेदारी में तैयार हो रहा है। अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की चिंता ना करते हुए भी कुछ महीनों पहले भारत ने S-400 ट्राइम्फ मिसाइल सिस्टम के लिए समझौता किया। इस बात को समझना ज़रूरी है की UPA सरकार के दौरान ना सिर्फ वायु सेना की गिरती स्क्वाड्रन क्षमता पर कोई भी ध्यान दिया गया बल्कि भारत की कमज़ोर राडार नेटवर्क रेंज को भी नज़रअंदाज़ किया गया। पर अब मोदी सरकार के तमाम हेलीकाप्टर, मिसाइल, और एयर डिफेन्स सिस्टम की खरीद की वजह से भारतीय सैन्य क्षमता में UPA सरकार के दौरान आ गई खामियों को भी जल्द ही हटा दिया जायेगा।
नेवी के लिए एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट
सरकार ने साल 2016 में इंडियन नेवी के लिए पी-8i पोसायडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट खरीदे थे। इसके अलावा सरकार ने इसी वर्ष इसी तरह के चार एयरक्राफ्ट की खरीद का ऑर्डर अर्जेंट ऑर्डर दिया था जो इंडियन एयरफोर्स के लिए काफी कारागार साबित होंगे। मोदी सरकार ने साल 2014 में अपने कार्यकाल की शुरुवात में ही सात स्टेल्थ फ्रिगेट और न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन के निर्माण को हरी झंडी दिखाई थी। इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सैन्य क्षमता और प्रबल होगी पिछले साल अक्टूबर में ही भारत ने रूस के साथ एक करार किया जिसके चलते भारत को दो स्टेल्थ फ्रिगेट मिलेंगे। अक्टूबर 2016 में भी भारत और रूस के बीच ऐसी चार फ्रिजेट के लिए एक करार साइन हुआ था जिसके टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रावधान के चलते इनमे से दो फ्रिगेट, भारत में ही तैयार होंगी।
सेना के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट्स
मोदी सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ राफेल डील को अजांम तक पहुंचाया था। मोदी सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए 36 राफेल फाइटर जेट्स की डील की थी जो एयरफोर्स के लिए काफी अहम साबित होने वाली है। इसके अलावा C-130J सुपर हरक्यूलिस और C-17 ग्लोबमास्टर III एयरक्राफ्ट को सेना में शामिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। नौ साल के इंतजार के बाद भारतीय सेना को बुलेट-प्रूफ जैकेट भी मिलनी शुरू हो गई है। इन 1.86 लाख जैकेटों के लिए सरकार ने पिछले वर्ष ही एक प्राइवेट कंपनी SMPP प्राइवेट लिमिटेड से 639 करोड़ रुपए की डील साइन की थी। दो दशकों के इंतजार के बाद अब आर्मी को बुलेटप्रूफ हेलमेट भी मिलने लगें हैं। यह हेलमेट भी भारत में ही कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी बना रही है।
डीआरडीओ को भी मिले नए प्रोजेक्ट्स
मोदी सरकार भारतीय सेना को 72,000 सिग सौर सिग-716 राइफल दिलाने के प्रयासों में लगी हुई है। इसके अलावा मोदी सरकार ने भारतीय कंपनियों के साथ सेना के लिए अत्यधिक बर्फीले मौसम के लिए अनुकूल कपड़े बनवाने की डील साइन की है। साथ ही सेना को विषम परिस्तिथि में रखने के लिए पुख्ता इंतज़ाम और सेना के लिए पौष्टिक भोजन सामग्री तैयार करने की ज़िम्मेदारी मोदी सरकार ने DRDO को दी है। मोदी सरकार भारतीय सेना को इटली की 338 लपूआ मैग्नम स्कार्पियो तगत और अमेरिका की .50 कैलिबर M95 बंदूकें भी दिला रही है।