देश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या कितनी कम हुई? राज्यसभा में सरकार ने बताया
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि देश में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों की तादाद घटी है। बुधवार को गृहमंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने इसके लिए नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट का हवाला दिया है। सरकार के मुताबिक साल 2018 की तुलना में 2019 में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में 14 फीसदी की कमी आई है। इस जवाब में विभिन्न राज्यों का भी ब्योरा दिया गया है, जिसमें इस दौरान सबसे ज्यादा धार्मिक दंगे बिहार में देखने को मिली है।
14
फीसदी
कम
हुए
सांप्रदायिक
दंगे
केंद्रीय
गृह
मंत्रालय
ने
राज्यसभा
को
बताया
है
कि
साल
2018
में
देश
में
कुल
512
सांप्रदायिक
दंगे
दर्ज
किए
गए
थे,
जबकि
2019
में
सिर्फ
440
ही
ऐसे
मामलों
की
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
गई।
यह
गिरावट
14
फीसदी
की
है।
एनसीआरबी
के
आंकड़ों
के
मुताबिक
2019
में
सबसे
ज्यादा
धार्मिक
दंगे
बिहार
में
हुए
जिनकी
संख्या
135
दर्ज
की
गई।
उसके
बाद
झारखंड
का
स्थान
है,
जहां
54
ऐसे
मामले
सामने
आए
थे।
जबकि,
इसी
दौरान
हरियाणा
में
50
और
महाराष्ट्र
में
47
धार्मिक
दंगों
की
शिकायतें
दर्ज
हुईं।
इसी
तरह
मध्य
प्रदेश
में
32,
गुजरात
में
22
और
केरल
में
21
सांप्रदायिक
दंगों
की
रिपोर्ट
दर्ज
हुई
थी।
सबसे
कमाल
उत्तर
प्रदेश
में
हो
गया,
जहां
उस
साल
एक
भी
सांप्रदायिक
दंगे
की
घटना
नहीं
घटी
थी।
'इंटरनेट
शटडाउन
होने
का
कोई
सेंट्रलाइज्ड
डेटा
नहीं'
हालांकि,
सरकार
ने
बताया
है
कि
देश
में
इंटरनेट
शटडाउन
होने
का
कोई
सेंट्रलाइज्ड
डेटा
नहीं
है।
केंद्रीय
गृह
राज्यमंत्री
नित्यानंद
राय
की
ओर
से
सदन
को
बताया
गया
कि,
'साइबर-स्पेस
में
सूचनाएं
बहुत
ही
तेजी
से
फैलती
हैं
और
इसके
दुरपयोग
की
संभावना
रहती
है।
जनता
की
सुरक्षा
के
मद्देनजर
राज्य
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
के
उचित
प्राधिकारी
तनाव
और
दंगों
के
दौरान
टेलीकॉम
सेवा/
इंटरनेट
शटडाउन
करते
हैं।'
इस
दौरान
पिछले
पांच
साल
में
क्रिश्चियन
समुदाय
के
खिलाफ
हिंसा
पर
पूछे
गए
सवाल
के
जवाब
में
उन्होंने
कहा
कि
'किसी
खास
समुदाय
या
धार्मिक
संस्थानों
पर
हमले
का
खास
डेटा
केंद्रीय
स्तर
पर
नहीं
रखा
जाता
है।
'
जब
उनसे
पूछा
गया
कि
क्या
हिंदू
मंदिरों
पर
हमलों
की
घटना
अचानक
बढ़ी
है
तो
उन्होंने
कहा
कि
कानून-
व्यवस्था
और
पुलिस
राज्यों
से
जुड़ा
मामला
है।