भारत के नक्शे में ऐसे बदल गया जम्मू-कश्मीर का नक्शा
नई दिल्ली- भारत सरकार के ऐतिहासिक फैसले से सात दशक बाद भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर का नक्शा ही बदल चुका है। अब एक जम्मू एवं कश्मीर राज्य न रहकर दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। एक जम्मू एवं कश्मीर और दूसरा लद्दाख। इनमें से जम्मू-कश्मीर में तो एक विधानसभा भी होगी, लेकिन लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी और वहां का प्रशासन एक उपराज्यपाल के हाथों में रहेगा। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में भी अब राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल की ही तैनाती होगी।
बदल गया जम्मू-कश्मीर का नक्शा
केंद्रीय गृहमंत्री ने संसद में जो ऐतिहासिक बिल पेश किया है, उसमें जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का प्रावधान है। इस राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांटने के प्रस्ताव के बारे गृहमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला सीमापार से लगातार जारी आतंकवाद के खतरे को देखते हुए लिए गया है।
|
इसलिए बनाया दो केंद्र शासित प्रदेश
जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का जो बिल राज्यसभा में पेश हुआ है, उसके बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को बताया है कि लद्दाख डिविजन का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है, लेकिन वहां जनसंख्या काफी कम है और भू-भाग काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए लद्दाख के लोगों का लंबे समय से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग रही है। इसलिए लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी। वहीं गृहमंत्री ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य में आंतरिक सुरक्षा के हालातों, जो सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद से प्रभावित है, उसे अलग जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है। यहां एक विधानसभा होगी।
केंद्र शासित प्रदेश बनने का मतलब?
केंद्र शासित प्रदेशों में सीधे-सीधे केंद्र सरकार का शासन होता है। भारत का राष्ट्रपति हर केंद्र शासित प्रदेश का एक प्रशासक या उप राज्यपाल नियुक्त करता है। इस समय देश में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीऊ, लक्षद्वीप और पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश हैं। दिल्ली भी तकनीकी तौर पर एक केंद्र शासित प्रदेश ही है, जिसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग काफी समय से चल रही है। ताजा फैसले के बाद देश में अब 29 की जगह 28 राज्य हो जाएंगे और पहले के 7 केंद्र शासित प्रदेशों की बजाय 9 केंद्र शासित प्रदेश हो जाएंगे।
इसे भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर से हटा आर्टिकल 370, जानें अमित शाह के प्रस्ताव की 10 बड़ी बातें