जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने पर क्या कहा था अरुण जेटली ने, कांग्रेस को क्यों बताया था हेडलेस चिकन
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नई दिल्ली। बीजेपी के सीनियर लीडर, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। जेटली बीजेपी के फ्रंट लाइन लीडर थे और कई वर्षों से पार्टी के साथ थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम करने वाले जेटली को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में भी अहम जिम्मेदारियां मिलीं। जेटली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जम्मू कश्मीर पर लिए गए एतिहासिक फैसले से काफी खुश थे और उन्होंने ट्विटर पर अपनी खुशी भी जाहिर की थी। बीमारी के बाद भी जेटली ने एक के बाद एक ट्वीट किए और सरकार को बधाई दी। जेटली ने अपने एक ट्वीट में कांग्रेस पार्टी को 'हेडलेस चिकन' तक कह डाला था।
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सरकार ने उठाया असंभव कदम
जेटली ने पांच अगस्त को पहला ट्वीट किया और लिखा, ' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर नीति को लेकर जो कदम उठाया है वह असंभव था।' इसके साथ ही उन्होंने अपने ब्लॉग का एक लिंक भी शेयर किया और सरकार के फैसले की विवेचना भी की। पीएम मोदी के इस फैसले को उन्होंने एक एतिहासिक भूल सुधारने वाला फैसला बताया था। जेटली ने अपने ब्लॉग में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर इतिहास में हुए असफल प्रयासों का भी जिक्र किया था।
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कांग्रेस पार्टी को बताया हेडलेस चिकन
जेटली ने कुछ ही मिनट बाद एक और ट्वीट किया और लिखा, 'सात दशकों से कभी भी जम्मू-कश्मीर को लेकर सही कदम नहीं उठाया गया। वहां जुड़ाव कि नहीं अलगाववाद की बात ही होती रही। इससे वहां पर अलगाववादी मानसिकता का विकास हुआ।' जेटली ने आगे लिखा, 'पाकिस्तान कई दशकों से इसी मानसिकता का फायदा उठाता आया है। कांग्रेस पार्टी तो हेडलेस चिकन की तरह है। वो भारत के लोगों से अब दूर जा रहा है। नया भारत बदल चुका है और सिर्फ कांग्रेस इस बात को समझ नहीं पा रही है। कांग्रेस नेतृत्व लगातार रेस में नीचे से अव्वल आने की ओर भाग रही है।'
कश्मीरी पंडितों ने झेला नाजियों जैसा दर्द
जेटली ने आगे लिखा, '1989-90 के दौरान जम्मू-कश्मीर नियंत्रण से बाहर हो गया था। अलगाववाद के साथ आतंकवाद भी तेजी से फैलने लगा। कश्मीरियत के अभिन्न हिस्से के रूप में मौजूद कश्मीरी पंडितों को उसी तरह की त्रासदी का सामना करना पड़ा जैसा नाजियों ने झेला था। नस्लीयता के शिकार कश्मीरी पंडितों को अपनी जगह छोड़कर जाना पड़ा।' जेटली के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के चक्कर में इतिहास में जो गलतियां हुईं उससे राजनीतिक और आर्थिक नुकसान हुआ। आज, फिर से इतिहास लिखा गया है। इससे साबित होता है कि कश्मीर को लेकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जो दृष्टि थी वह सही थी। वहीं, पंडितजी का जो सपना था वह असफल हो गया।'
प्रधानमंत्री ने इतिहास रच दिया
जेटली ने पीएम मोदी और उनकी सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले को इतिहास रचने वाला करार दिया। उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार के इस फैसले से पंडितजी द्वारा लिया गया फैसला पलट जाएगा। ऐसा करने के लिए दूरदृष्टि, ताकत और ढृढ़ता चाहिए। इसके लिए राजनीतिक हिम्मत की भी जरूरत पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदृष्टि, ताकत और ढृढ़ता से इतिहास रच दिया है। देश के सबसे खूबसूरत राज्य में न तो होटलों में निवेश होता है, न ही वहां पर रोजगार है, न ही राज्य के लिए कोई राजस्व पैदा हो रहा है।.इन सभी समस्याओं का समाधान अब होगा। केंद्र सरकार नए कानून के जरिए जम्मू-कश्मीर को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे।'
समस्या खड़ी करती है कांग्रेस पार्टी
जेटली ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस पार्टी को समस्या खड़ा कराने वाला बताया। उन्होंने लिखा, 'इस कदम का कई विपक्षी पार्टियों से विरोध भी किया है कइयों ने समर्थन भी किया है। समर्थन करने वाले दलों ने जमीनी सच्चाई जान ली है। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ता। दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी की परंपरा रही है पहले समस्या खड़ी करो फिर उसमें और दिक्कतें जोड़ों। लेकिन वे समस्या के कारणों को देख नहीं पा रहे हैं।'