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कॉलेज में लड़कियां कैसे दर्ज कराएं सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत? यहां जानें

भारत में रोजाना महिलाएं सेक्सुअल हैरेसमेंट का शिकार होती हैं। फिर चाहे वो सड़क हो, मेट्रो हो, वर्कप्लेस हो या कॉलेज। जहां महिलाएं पुलिस स्टेशन में जाकर इसके खिलाफ शिकायत कर सकती हैं, वहीं लड़कियां अपने कॉलेज में ही इसकी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

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Sexual Harassment का शिकार होने वाली girls ऐसे करा सकती हैं Complaint File । वनइंडिया हिंदी
Sexual Harassment

नई दिल्ली। दुनियाभर में महिलाएं सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। जानीं-मानी अभिनेत्रियों से लेकर आम लड़कियां तक, खुलकर इस मुद्दे पर गंभीरता से बात रख रही हैं। भारत में भी रोजाना महिलाएं सेक्सुअल हैरेसमेंट का शिकार होती हैं। फिर चाहे वो सड़क हो, मेट्रो हो, वर्कप्लेस हो या कॉलेज। जहां महिलाएं पुलिस स्टेशन में जाकर इसके खिलाफ शिकायत कर सकती हैं, वहीं लड़कियां अपने कॉलेज में ही इसकी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।

इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास जाएं

इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास जाएं

अगर कॉलेज/विश्वविद्यालय से संबंधित मामला है तो लड़कियां कॉलेज में कंप्लेन कमेटी के पास शिकायत दर्ज करा सकती हैं। वो चाहें तो पुलिस से भी संपर्क कर सकती हैं। अगर लड़कियों के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट कैंपस के बाहर हुआ है, तब भी महिलाएं इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास जाकर शिकायत कर सकती हैं।

हर कॉलेज में अनिवार्य है ICC

हर कॉलेज में अनिवार्य है ICC

साल 2015 के यूजीसी नियमों में साफ कहा गया है कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इंटरनल कंप्लेन कमेटी (ICC) होना अनिवार्य है। ये कमेटी स्टूडेंट्स, फैकल्टी और नॉन-टीचिंग स्टाफ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को देखेगी। अगर शिकायतकर्ता पुलिस में शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं तो कमेटी उन्हें सहायता भी प्रदान करेगी।

अगर नहीं, तो कॉलेज के खिलाफ की जा सकती है कार्यवाई

अगर नहीं, तो कॉलेज के खिलाफ की जा सकती है कार्यवाई

अगर किसी संस्थान में ICC नहीं है, या साल 2015 के यूजीसी नियमों में जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में बार-बार विफल है, तो यूजीसी को इस बारे में सूचित किया जाना चाहिए। इसके बाद कॉलेज के खिलाफ कई तरह का कार्यवाई की जा सकती है। कॉलेज का अनुदान भी रोका जा सकता है।

कमेटी की अध्यक्ष महिला का होना अनिवार्य

कमेटी की अध्यक्ष महिला का होना अनिवार्य

ICC के अध्यक्ष पद पर महिला की ही नियुक्ति की जाती है। इसके अलावा 2 फैक्लटी मेंबर, 2 नॉन-टीचिंग स्टाफ और एक महिलाओं के लिए काम करने वाले एनजीओ का प्रतीनिधित्व होता है। इन सभी की नियुक्ती प्रिंसीपल या वाइस-चांसलर द्वारा की जाती है। इस कमेटी में छात्रों द्वारा नामित तीन प्रतीनिधित्व भी होते हैं लेकिन ये तभी कमेटी में शामिल होते हैं, जब मामला किसी छात्रा से जुड़ा हो।

सेक्सुअल हैरेसमेंट की सारी शिकायतें ICC ही संभालेगी

सेक्सुअल हैरेसमेंट की सारी शिकायतें ICC ही संभालेगी

शिकायत दर्ज करने के लिए लड़कियां सीधे ICC अध्यक्ष के पास जा सकती हैं। ICC के सदस्यों के नाम और संपर्क को कॉलेज की वेबसाइट और परिसर में प्रदर्शित किया जाना चाहिए। अगर नाम सार्वजनिक नहीं हैं, तो संस्थान पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर शिकायतकर्ता प्रिंसिपल के पास सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत लेकर जाती है, तो भी ये मामला सीधा ICC को निर्देशित किया जाएगा। कॉलेज परिसर में सभी यौन उत्पीड़न की शिकायतें ICC द्वारा ही संभालना आवश्यक हैं।

3 महीने के अंदर दर्ज हो शिकायत, या फिर...

3 महीने के अंदर दर्ज हो शिकायत, या फिर...

कानून के अनुसार सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत 3 महीने के अंदर दर्ज करानी जरूरी है। अगर किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाता है, तो ये बात कमेटी के सामने रखी जानी चाहिए। समय सीमा तब तीन महीने तक बढ़ा दी जाती है जब कमेटी इस बात से संतुष्ट हो जाए कि किन्हीं परिस्थितियों ने व्यक्ति को शिकायत दर्ज कराने से रोका है। अगर कमेटी शिकायत दर्ज करने से मना करती है तो उनकी शिकायत यूजीसी को की जा सकती है।

90 दिनों के भीतर पूरी हो जांच प्रक्रिया

90 दिनों के भीतर पूरी हो जांच प्रक्रिया

शिकायत प्राप्त करने पर के बाद ICC सात दिनों के अंदर इसकी एक कॉपी आरोपी को भेजता है। आरोपी को अपना जवाब देने के लिए 10 दिनों का समय दिया जाता है। जांच की पूरी प्रक्रिया 90 दिनों के अंदर पूरी करनी होती है। अगर निरीक्षण और सिफारिशों की एक जांच रिपोर्ट है तो एग्जीक्यूटिव अथॉरिटी और दोनों पक्षों को जांच के पूरा होने के 10 दिनों के भीतर भेजा जाना होता है।

आरोपी को मिल सकते हैं ये दंड

आरोपी को मिल सकते हैं ये दंड

जब तक इस मामले में शामिल पक्षों में से किसी एक ने अपील नहीं की है, एग्जीक्यूटिव अथॉरिटी को जांच रिपोर्ट के आधार पर 30 दिनों के भीतर कार्रवाई करने और एक्शन लेना होता है। दोनों पक्षों के बीच समझौते के लिए भी ICC मदद करता है। निपटारा धन-संबंधी नहीं हो सकता है। आरोप सिद्ध होने पर दंड की एक सूची है जिसमें उन्हें निष्कासन या निलंबन किया जा सकता है। अन्य दंड में कम्यूनिटी सर्विस शामिल है। आरोपी से उसकी स्कॉलरशिप या लाइब्रेरी में जाना भी रोका जा सकता है।

शिकायतकर्ता के खिलाफ भी हो सकती है कार्यवाई

शिकायतकर्ता के खिलाफ भी हो सकती है कार्यवाई

अगर कर्मचारी इसके दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कॉलेज से निकाला भी जा सकता है। ऐसा नहीं है कि ICC सिर्फ आरोपी को ही सजा सुना सकता है। अगर शिकायतकर्ता को झूठी शिकायत दर्ज कराने का आरोपी पकड़ा जाता है तो ICC उसके खिलाफ भी एक्शन ले सकता है।

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English summary
How Female Students Can File Sexual Harassment Complaint In Colleges and Universities, Know Here.
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