कैसे विदेश यात्रा के दौरान Jet lag को दूर भगाते हैं पीएम मोदी ? ये 3 रहस्य नहीं जानते होंगे आप
नई दिल्ली, 26 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ही अमेरिका यात्रा से स्वदेश लौटे हैं। पिछले दिनों जब वे अमेरिका गए थे और लोगों ने उन्हें नॉन-स्टॉप फ्लाइट से उतरने के बाद जिस गर्मजोशी के साथ लोगों से मिलते-जुलते देखा तो सवाल उठने लगे कि क्या उन्हें लंबी विमान यात्रा की कोई थकान (जेट लैग) नहीं हुई। लंबी विमान यात्रा करने वाले लोग जानते हैं कि इस थकान को उतारने में कितना वक्त लगता है। लेकिन, पीएम मोदी की गतिविधियों पर 15 घंटे से ज्यादा की दिल्ली से वॉशिंगटन की डायरेक्ट फ्लाइट पर भी कोई असर नहीं पड़ा। दरअसल, इसके पीछे उनके खुद के बनाए हुए कुछ राज छिपे हैं।
विमान में भी बने रहते हैं ऐक्टिव
पीएम मोदी की मौजूदा अमेरिका यात्रा के दौरान उनके सारे कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए उनके हाथ में सिर्फ तीन दिन थे। पीएम मोदी कई टाइम जोन को पार करके अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन उनके पास वहां सिर्फ 65 घंटे ही हाथ में थे। बाकी का समय उनकी यात्रा में ही गुजरना था। लेकिन, इतने कम समय में भी वे 20 बैठकों में शामिल हुए, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ हुई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत भी शामिल है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया है कि दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के पास तीन ऐसे रहस्य हैं, जिससे वह खुद पर विमान यात्रा की थकान को हावी नहीं होने देते। अमेरिका जाते वक्त उन्होंने विमान में कुछ फाइल निपटाने की तस्वीर भी शेयर की थी।
पीएम मोदी को उड़ान की थकान महसूस नहीं होने का पहला राज
उनपर थकान महसूस नहीं होने का पहला राज ये है कि वे जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो बिना गैप किए लगातार बैठकें करते हैं, ताकि थकान महसूस करने का समय ही न मिले, जो कि लंबी उड़ान के बाद बहुत ही सामान्य सी बात है। इस दौरे में 23 सितंबर को उनकी तीन बैठकें थीं, सीईओ के साथ, उसके बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से, फिर जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ द्विपक्षीय चर्चा। इसके बीच कुछ आंतरिकें बैठकों में भी उन्होंने शिरकत की। इसी तरह 24 सितंबर को उन्होंने जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और फिर क्वाड मीट में शामिल हुए। 25 सितंबर को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। साथ ही हर दिन वे आंतरिक बैठकें भी करते रहे।
पीएम मोदी को उड़ान की थकान महसूस नहीं होने का दूसरा राज
पीएम मोदी को लंबी उड़ान की थकान महसूस नहीं होने देने का दूसरा रहस्य ये है कि वे कुछ बैठकें विमान के अंदर ही कर लेते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस यात्रा के दौरान भी उन्होंने अमेरिका जाते वक्त और वहां से लौटने के दौरान विमान में ही चार बैठकें की हैं। इस तरह से वे समय का भरपूर उपयोग करते हैं और खुद पर थकावट को हावी नहीं होने देते। शायद इसमें उनके संयम से संचालित दिनचर्या और योग का भी बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। पीटीआई सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी बहुत ज्यादा पानी भी पीते हैं, क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि विमान की हवा शरीर की नमी को सोख लेती है।
पीएम मोदी को उड़ान की थकान महसूस नहीं होने का तीसरा राज
पीटीआई ने जो तीसरे रहस्य की बात की है, उसके मुताबिक वे विदेश यात्रा पर जहां भी जा रहे होते हैं, अपने शरीर और नींद की साइकिल को उसी के टाइम जोन के हिसाब से ढाल लेते हैं। इसलिए अगर भारत में रात हो रही होती है, तब भी विदेश जाते वक्त वह विमान में नहीं सोते हैं। पीटीआई के अनुसार, 'वह भारत लौटते समय भी यही काम करते हैं और भारतीय समय के अनुसार अपने शरीर और नींद के चक्र को ट्यून कर लेते हैं, इससे यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि वह पूरी तरह से फ्रेश हैं और दिन के समय लैंडिंग के साथ ही अपने काम पर जाने के लिए तैयार रहते हैं।'
तीन दशकों की प्रैक्टिस का फल
सबसे बड़ा तथ्य यह है कि पीएम मोदी विदेश यात्रा के दौरान हमेशा रात की फ्लाइट को तरजीह देते रहे हैं और यह आदत उन्होंने 1990 के दशक में ही विकसित कर ली थी। रिपोर्ट के मुताबिक 90 की दशक में जब वह अमेरिका यात्रा पर जाते थे तो एक एयरलाइंस वहां मासिक पास पर रियायत देती थी। 'उसका अधिकतम फायदा उठाने के लिए मोदी हमेशा रात में ही सफर करते थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा जगहों पर घूम सकें और होटलों पर एक भी पैसा खर्च न करना पड़े। उनकी रातें एयरपोर्ट पर और विमानों में ही कट जाया करती थी।'