गुजरात को कैसे खुश करना चाहती है कांग्रेस
गुजरात में कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर चल रही है वो उसके घोषणा पत्र और राहुल गांधी के ट्विटर पर पूछे जा रहे सवालों से साफ होता जा रहा है।
नई दिल्ली। गुजरात में कांग्रेस किन मुद्दों को लेकर चल रही है वो उसके घोषणा पत्र और राहुल गांधी के ट्विटर पर पूछे जा रहे सवालों से साफ होता जा रहा है। इन मुद्दों के पीछे पार्टी का क्या नजरिया है और क्यों उन पर फोकस किया जा रहा है, ये समझना जरूरी है। पार्टी अच्छी तरह से समझ रही है कि इस बार राज्य में जो माहौल बना है वैसा पिछले 22 साल में कभी नहीं बना। एक तरफ राहुल गांधी के बदले अंदाज और दूसरी तरफ जातिगत समीकरण। इन दोनों से बीजेपी को फ्री हिट जैसी स्थिति नहीं रही और इससे उत्साहित कांग्रेस लगातार उन मुद्दों को भुनाने की कोशिश में है जिनसे जनता त्रस्त है। ऐसे पांच प्रमुख मुद्दे कांग्रेस की नजर में हैं जिनमें सबसे पहले सबसे पहले पाटीदार और दूसरे आर्थिक कमजोर तबके को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देना है। ये आरक्षण 49 फीसदी आरक्षण से अलग है जो दूसरी जाति वर्ग के लिए पहले से लागू है।
कांग्रेस ने चली भाजपा की यूपी वाली चाल
दूसरा मुद्दा है किसानों की कर्ज माफी का। बाढ़ की वजह से गुजरात के किसान बेहाल हैं और पार्टी चाहती है कि उनके कर्ज माफ करने से ये वोट बैंक भी पुख्ता हो जाएगा। ये मुद्दा उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीजेपी ने अपने एजेंडे में रखा था जिसका उसे फायदा भी मिला तो ये कह सकते हैं कि यूपी में बीजेपी ने जो चुनावी चाल चली वहीं कांग्रेस ने गुजरात में चल दी है।
बिजली-पानी को बनाया मुद्दा
तीसरा मुद्दा है बिजली के बिल आधा माफ करने का। इस मुद्दे का भरपूर फायदा दिल्ली में उठाया था अरविंद केजरीवाल ने। सभी जानते हैं कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के अलावा जिन दो मुद्दों की वजह से लोकप्रिय हुए उनमें बिजली और पानी के बिलों में कमी लाने का वायदा रहा है। इसे लोगों ने हाथों हाथ लिया था। यदि किसी भी शख्स का एक हजार से दो हजार रुपए हर महीने बजट में बिल की वजह से कमी आती है तो इससे ज्यादा आम आदमी और क्या सोचेगा। गुजरात में बिजली के बिल के अलावा पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी का जोड़ दिया है जो केजरीवाल के वायदे से ज्यादा बड़ा ट्रिगर साबित हो सकता है। इसकी वजह है कि हर शख्स का पेट्रोल-डीजल से रोजाना का वास्ता है और यदि एक लीटर पर दस रुपए की कमी आती है तो सैकड़ों रुपए हर महीने बचेंगे।
गरीबों के लिए 25 लाख घर
इसमें गरीब लोगों के लिए 25 लाख घर बनाने का वादा किया गया है। पिछले चुनाव में भी कांग्रेस ने ये कार्ड चला था लेकिन कांग्रेस के इस कार्ड को बीजेपी ने भुना लिया था। इसका जिक्र भी पार्टी ने किया है कि उनके मुद्दे को बीजेपी ने चुरा लिया था।
युवाओं को लुभाने की कोशिश
चौथा मुद्दा है युवाओं का। इसमें 25 लाख लोगों को रोजगार,स्मार्ट फोन,लेपटॉप और छात्रों को हर जिले में हॉस्टल का वायदा किया गया है। एक तरफ आर्थिक कमजोर तबके को आरक्षण और फिर रोजगार की बात, कांग्रेस सोच रही है कि ये मुद्दा युवाओं को लुभाने में कामयाब रहेगा।
महिलाओं को कक्षा एक से कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा
पांचवां मुद्दा महिलाओं के वोट बैंक से ताल्लुक रखता है। महिलाओं को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए कक्षा एक से कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा का ऐलान किया गया है। अकेली महिलाओं को घर देने में प्राथमिकता और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन की बात कही गई है।
घोषणा पत्र में कांग्रेस ने मारी बाजी
कांग्रेस ने पाटीदार, किसान,युवा,महिला और व्यापारियों को फोकस में रखा है। इन्हें तमाम रियायतें देने के अलावा महंगाई के मुद्दे को भुनाने के लिए बिजली, पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का कार्ड खेल दिया है। घोषणापत्र के मामले में कांग्रेस ने बाजी मार ली है और बीजेपी के घोषणा पत्र का सभी को इंतजार है कि किस तरह कांग्रेस के लुभावने वायदों को काउंटर किया जाएगा।