Coronavirus: आतंकियों को ढेर करने वाली ड्रोन टेक्नोलॉजी अब Lockdown में कैसे आ रही है काम
नई दिल्ली। अमेरिका दुनिया का वह देश जिसका रक्षा बजट दुनिया में कई देशों की जीडीपी से भी आगे है। मगर यह देश आज कोरोना वायरस के आगे बेबस है। यहीं हाल ब्रिटेन और फ्रांस का भी है। हैरानी की बात है ये देश उस नाटो फोर्स का भी हिस्सा है जिसने पाकिस्तान में ड्रोन की मदद से आतंकियों पर कार्रवाई का समर्थन किया था। अब इसे वक्त की मार कहें या फिर नियती का खेल कि जिस ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग आतंकियों को खत्म करने में किया जाता था, आज वही ड्रोन टेक्नोलॉजी लॉकडाउन पर नजर रखने के काम प्रयोग हो रही है। भारत से लेकर अमेरिका तक आज ड्रोन टेक्नोलॉजी लॉकडाउन में सबसे बड़ी मदद बन गई है।
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भारत में ड्रोन रख रहा है लॉकडाउन पर नजर
भारत में 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान पुलिस की तरफ से किया गया था। कुछ जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां पर पुलिस ड्रोन की मदद से लॉकडाउन में लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। निजामुदद्दीन मरकज के दौरान मरकज में उन जगहों को पहचानने के लिए जहां पर तबलीगी जमात के लोग इकट्ठा हुए थे, मार्च माह के अंत में ड्रोन का प्रयोग दिल्ली पुलिस ने किया था। चेन्नई में इलाके को सैनिटाइज करने के लिए ड्रोन की मदद ली गई। मुंबई पुलिस ने भी लोगों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन की मदद ली है। कुछ और राज्य जैसे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी पुलिस ड्रोन की मदद से लॉकडाउन में लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर में पिछले एक हफ्ते से ड्रोन की मदद पुलिस की तरफ से ली जा रही है।
कैलिफोर्निया में लाउडस्पीकर और नाइट विजन कैमरा वाले ड्रोन
अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में पुलिस ने ऐसे ड्रोन का प्रयोग करने की योजना बनाई है जिनमें लाउडस्पीकर और कैमरा लगे हैं। यह प्रयोग पुलिस की तरफ से कोरोना संकट के लिए लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए किया जाने वाला है। इसके लिए 11,000 अमेरिकी डॉलर की लागत से दो ड्रोन खरीदे गए हैं मगर ये ड्रोन चीनी कंपनी डीजेआई ने तैयार किए गए हैं। ड्रोन नाइट विजन कैमरा और स्पीकर से लैस हैं। पुलिस कैप्टन वेर्न सैली ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया कि साधारण तौर पर ड्रोन पर कभी स्पीकर्स इंस्टॉल करने का ऑर्डर नहीं दिया जाता है। लेकिन एक बड़े हिस्से में कोई घोषणा करने के लिए या भीड़ को हटाने के लिए यह जरूरी था। ऐसे में पुलिस ऑफिसर्स को बुलाए बिना भी लोगों को घरों में रहने के ऑर्डर दिए जा सकते हैं।
ड्रोन से मिल रही नियम तोड़ने वालों की फोटो
यूनाइटेड किंगडम (यूके) पर भी कोविड-19 की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। अब तक यहां पर 7097 लोगों की मौत हो चुकी है। यूके की पुलिस फोर्स पिछले 10 दिनों से ड्रोन की मदद ले रही है। पुलिस ड्रोन के जरिए ऐसे लोगों की फुटेज इकट्ठा कर रही है जो सोशल डिस्टेसिंग की गाइडलाइन को नहीं मान रहे है। इस फुटेज को पुलिस की तरफ से लगातार ट्वीट किया जा रहा है। डर्बीशायर पुलिस डिपार्टमेंट के एक ऑफिसर ने कहा, कई लोगों को इससे आपत्ति है कि पुलिस ड्रोन से ली गई फोटो को ट्विटर पर क्यों शेयर कर रही है, मगर इस बात से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जो भी कानूनी तरीका सही लगेगा, उसे अपनाएंगे।'
फ्रांस पुलिस के लिए जानकारी जुटाता ड्रोन
फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी सर्विलांस ड्रोन का प्रयोग ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए हो रहा है जो लॉकडाउन के दौरान कानून को तोड़ रहे हैं। पेरिस पुलिस परफेक्ट के ऑफिसर डिडियर लालैमेंट ने फ्रांस 24 को एक इंटरव्यू में बताया था, 'ड्रोन कभी पुलिस ऑफिसर की जगह नहीं ले सकता है। लेकिन यह हमारे लिए जानकारी इकट्ठा करने में काफी मददगार साबित हो रहा है।' उन्होंने कहा कि कभी-कभी पक्षी इस पर हमला कर देते हैं लेकिन आसपास घूमते लोगों की नजरें इस पर नहीं जा सकती हैं। ऐसे में यह काफी उपयोगी साबित हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान ड्रोन के प्रयोग उसी चीन ने शुरू किया था जहां से कोरोना वायरस निकलकर पुरी दुनिया में फैला है। चीन ने जनवरी माह में ताइझोऊ में ड्रोन के प्रयोग से लोगों पर नजर रखने काम शुरू किया था।