'मेड इन इंडिया' खरीदने से बढ़ेगी रुपए की कीमत
अर्थव्यवस्था मामले के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले 90 दिनों तक हर भारतीय सिर्फ 'मेड इन इंडिया' के उत्पाद ही खरीदे तो 100 दिनों के भीतर रुपए की कीमत अंर्तराष्ट्रीय बाजार में दूसरे नंबर पर पहुंच सकती है। ऐसे में रुपया विश्व में दूसरी सबसे बड़ी मुद्रा बन सकता है।
भारत दुनिया के वैश्विक बाजारों में उत्पादों को लेकर सबसे आगे है लेकिन सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि यहां के लोग स्वदेशी सामानों काे पसंद न करके विदेशी सामानों को खरीदते हैं और इसी बहाने रुपए को एक कदम पीछे की ओर घसीटते हैं। माना जा रहा है कि यदि घरेलू छोटे सामान जैसे टूथपेस्ट, साबुन, तेल, घर का कोई सामान या फिर माेबाइल फोन अगर मेड इन इंडिया ही खरीदे जाएं तो रुपए की कीमत में काफी इजाफा हो सकता है।
एक वरिष्ठ सीए आलोक भार्गव ने कहा है कि विदेशी उत्पादों का सबसे ज्यादा युवा वर्ग पसंद करता है। इन्हीं युवाओं के चलते डॉलर मुद्रा की साख सबसे ज्यादा मजबूत हुई है। भागर्व बताते हैं कि अगर भारत ददेश के युवा सिर्फ मेड इन इंडिया के उत्पादों की खरीद करें तो रुपया विश्व की दूसरे नंबर की मुद्रा बन सकता है।