BJP सांसद सनी देओल पर कैसे कसा चुनाव आयोग का शिकंजा? जानिए
नई दिल्ली- पंजाब के गुरदासपुर से बीजेपी सांसद सनी देओल पर लोकसभा चुनाव में तय सीमा से 8 लाख रुपये ज्यादा खर्च करने का आरोप है। चुनाव नियमों के तहत वे 70 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते थे, लेकिन उनका चुनाव संबंधी खर्च 78 लाख रुपये से भी ज्यादा तक पहुंच गया था। अब मीडिया रिपोर्ट्स ये बता रही हैं कि सनी देओल ने रिटर्निंग ऑफिसर को महज 36 लाख रुपये के खर्च का ही हिसाब बताया था। लेकिन, रिटर्निंग ऑफिसर के हिसाब से उनके खर्च में 42 लाख रुपये अतिरिक्त जुड़ गया। पंजाब में ये सिर्फ सनी देओल के साथ ही नहीं हुआ है, लेकिन देओल की दिक्कत ये है कि उनका खर्च निर्धारित सीमा को पार कर गया।
निर्वाचन अधिकारी ने जोड़ा अतिरिक्त खर्च
सनी देओल इस बार गुरदासपुर से भाजपा प्रत्याशी बनने से ठीक पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। शुरू में उनकी जीत की संभावना को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी जताई जा रही थीं, लेकिन सबको गलत साबित करते हुए वे दोबारा इस सीट को बीजेपी के खाते में डालने में कामयाब रहे। लेकिन, इस जीत के बाद से ही उनकी जो दिक्कतें शुरू हुई हैं, वो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं। खबरों के मुताबिक अब गुरदासपुर जिला स्तरीय चुनाव निगरानी समिति की जांच में भी ये बात सामने आई कि उन्होंने करीब साढ़े आठ लाख रुपये ज्यादा खर्च किए हैं। दरअसल, सनी देओल के हिसाब में 42 लाख रुपये अतिरिक्त इसलिए जोड़ा गया, क्योंकि चुनाव आयोग अलग-अलग ऑब्जर्बरों के माध्यम से भी उम्मीदवारों के खर्च पर निगरानी रखता है। ऐसे में अगर प्रत्याशी किसी खर्च का हिसाब नहीं भी देता है या कम बताता है, तो ऑब्जर्बर का आकलन भी देखा जाता है। यही कारण है कि बीजेपी सांसद ने अपना हिसाब सिर्फ 36,13,221 रुपये दिखाया था, जबकि डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर ने उनका खर्च करीब 42 लाख रुपये ज्यादा यानी 78,51,592 रुपये माना है।
सदस्यता रद्द करने की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीमा से ज्यादा खर्च करने की बात सामने आने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी सुनील जाखड़ ने चुनाव आयोग से सनी देओल की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग शुरू कर दी है। पंजाब कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष जाखड़ गुरदासपुर में दूसरे नंबर पर रहे थे और विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए उपचुनाव में वही इस सीट से सांसद चुने गए थे। इस चुनाव में सनी देओल ने उन्हें 82,459 मतों से पराजित किया था।
प्रतिनिधि को लेकर भी हो चुका है विवाद
इससे पहले गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र के कामकाज को देखने के लिए देओल ने गुरप्रीत सिंह पलहेड़ी को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। कुछ लोगों ने इसपर भी विवाद खड़ा करना शुरू कर दिया था। बाद में देओल ने सोशल मीडिया के जरिए से सफाई दी कि उन्होंने अपने पीए को गुरदासपुर ऑफिस में प्रतिनिधि बनाया है, ताकि अगर वो गुरदासपुर से बाहर रहें, तो भी क्षेत्र के लोगों को कोई दिक्कत न हो। तब जाकर मामला शांत हुआ। अब जब ये साफ हो चुका है कि सनी देओल ने चुनाव नियमों का जाने-अनजाने में उल्लंघन किया, तो देखना है कि उनके खिलाफ कब और कैसी कार्रवाई होती है।
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