अटल के चहेते भाजपा नेता की इस किताब से मिला था शाह-मोदी को मिशन कश्मीर का आइडिया
नई दिल्ली। आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले सरकार आदेश को 24 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यकीन नहीं हो पा रहा है कि सात दशक बाद आखिरकार यह कानून जम्मू कश्मीर घाटी से हटा और राज्य को मिला विशेष दर्जा भी खत्म हो आर्टिकल 370 को घाटी से खत्म करना बीजेपी की पिछले कई दशकों की वह मेहनत है जो आखिरकार पांच अगस्त 2019 को सफल हो पाई है। जनसंघ के समय से ही पार्टी का सपना था घाटी से इस कानून को हटाया जाए और एक किताब ने इस सपने को पूरा करने में मोदी सरकार की मदद की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री की किताब
पीएम मोदी ने इस पूरे 'थ्रिलर' को लिखने में पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन की किताब 'माई फ्रोजन ट्रबुलेंस' की मदद ली। मोदी सरकार ने अपने के पहले कार्यकाल के आखिरी महीनों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन की किताब 'माई फ्रोजन ट्रबुलेंस' में आर्टिकल 370 को लेकर एक बड़ी सलाह दी गई थी। इसके मुताबिक उन्होंने बताया था कि धारा 370 पूरी तरह से खत्म किए बिना और इसमें कुछ काटछांट करके इसे कैसे अप्रभावी बनाया जा सकता है। पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में इसका जिक्र सरकार में शामिल वरिष्ठ सहयोगियों से किया। अपने मिशन कश्मीर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम इतना सीक्रेट रखा कि किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लग पाई कि आखिर घाटी में क्या होने वाला है। जनसंघ के समय से ही घाटी से इस कानून को हटाए जाने का सपना था। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होते ही मोदी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी से राष्ट्रपति के आदेश पर प्रयोग होने वाले पेपर के बारे में पूछा गया था। अधिकारी को सरकार के जम्मू-कश्मीर के 'स्पेशल स्टेटस' हटाने के ऐतिहासिक कदम की भनक तक नहीं लग पाई।
कौन हैं कश्मीर पर अनुभव रखने वाले जगमोहन
मोदी सरकार आर्टिकल 35A पर कुछ बड़ा करने का मन बना चुकी थी लेकिन असली प्लान को सरकार के वरिष्ठ सहयोगियों से भी बेहद गुप्त रखा गया था। जगमोहन जिनका पूरा नाम जगमोहन मल्होत्रा है, एक आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। वह बीजेपी के ऐसे नेता हैं जिनके पास उस समय में कश्मीर में बतौर राज्यपाल काम करने का अनुभव है, जब घाटी में आतंकवाद सिर उठा रहा था। अटल बिहारी वाजेपयी जब साल 1998 में पहली बार पीएम बने तो जगमोहन को उनके कैबिनेट में जगह मिली। साल 1996, 1998 और 1999 में वह तीन बार लोकसभा सांसद बने। इसके अलावा 1990 से 1996 तक राज्यसभा के सांसद रहे। वाजपेयी सरकार में वह पर्यटन मंत्री रह चुके हैं। कश्मीर पर उनके अनुभव को देखते हुए वाजपेयी अक्सर उनसे सलाह भी लेते थे।