मुंबई: होटल रंग शारदा कई राजनीतिक घटनाओं का है गवाह, उद्धव ने टूट के डर से विधायकों का ठहराया
मुंबई: मुंबई के बांद्रा में स्थित होटल रंग शारदा में इस समय शिवसेना के विधायकों ने डेरा जमाया हुआ है। ये होटल फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में है। पिछले दो दशकों में इस तीन सितारा होटल ने महाराष्ट्र में कई राजनीतिक घटनाओं को करीब से देखा है और उसका साक्षी बना है। इसमें बीजेपी-शिवसेना खासकर शामिल हैं। ये होटल एकबार फिर से चर्चा में है क्योंकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों को यहां ठहराया हुआ है ताकि दूसरी पार्टियां उन्हें ना तोड़ पाए।
बाल ठाकरे ने की थी कई बैठकें
रंग शारदा होटल के हॉल की क्षमता 800 लोगों की है। इस होटल में शिवसेना के संस्थापक और दिवंगत नेता बाल ठाकरे ने कई महत्वपूर्ण बैठकें की थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी साल 2005 में इसी होटल में ठहरे थे, जब बीजेपी सत्ता से बाहर हुई थी और पार्टी ने अपना रजन जयंती सम्मेलन आयोजित किया था।
वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति को कहा था विदा
ये सम्मेलन ब्रांदा रिक्लेमेशन में आयोजित किया गया था और शिवाजी पार्क में एक रैली आयोजित की गई थी। यहां से अटल बिहारी वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। इस होटल के अस्तित्व में आने से पहले साल 1980 में भाजपा ने अपना पहला अधिवेशन ब्रांदा रिक्लेमेशन में आयोजित किया था। अनुभवी राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश अकोलकर कहते हैं कि इस होटल ने कई ऐतिहासिक बैठकें और कार्यक्रम देखे हैं।
बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की पड़ी नींव
राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश अकोलकर ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना का इतिहास इसके बिना अधूरा है। उन्होंने तीन दशकों से दोनों पार्टियों को करीब से देखा है। वरिष्ठ पत्रकार योगेश त्रिवेदी ने बताया कि इस होटल में शिवसेना की कई बैठकें आयोजित की गई थी और बालासाहेब ने उन्हें संबोधित किया था। इस होटल में बाल ठाकरे और दिवंगत भाजपा नेता प्रमोद महाजन के बीच कई बैठकें हुई। इन दोनों ने ही दोनों भगवा पार्टियों का गठबंधन कराया था।
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