दिल्ली के अस्पताल आयुष्मान भारत स्कीम का लाभ देने के लिए तैयार नहीं
नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 सितंबर 2018 को झारखंड की राजधानी रांची में सरकारी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। पीएम ने देशभर के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज का तोहफा दिया, लेकिन सरकार की इस स्कीम का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए अस्पताल तैयार नहीं हैं। यहां तक की दिल्ली के अस्पताल भी आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को स्कीम का लाभ देने के लिए तैयार नहीं हो पाए हैं।
योजना की शुरुआत के तीन दिन बीत जाने के बाद भी दिल्ली के अस्पताल में किसी भी लाभार्थी को अब तक इस योजना का लाभ नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं ये अस्पताल सरकार की इस कल्याणकारी स्कीम के बारे में लोगों को जानकारी तक नहीं दे रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना के बारे में जान सकें और स्कीम का लाभ उठा सके। दिल्ली के बड़ा अस्पताल जैसे कि AIIMS, सफदरजंग अस्प ताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल जो इस योजना के तहत आते है, उनमें भी अब तक किसी मरीज को इस योजना का लाभ नहीं मिला है।
इस योजना की पब्लिसिटी के लिए अस्पतालों की कोई तैयारी नहीं है। इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना को लेकर न तो कोई पोस्टर लगे हैं और न ही कोई बैनर लगाए गए हैं, जिसकी मदद से लोगों को इस लाभकारी योजना के बारे में जानकारी मिल सके। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लिए एक टेबल लगाई गई है, लेकिन इस योजना का लाभ पाने वाले गरीब परिवारों को वहां पहुंचने में और फिर वहां पहुंचकर अपना नाम तलाशने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल में 17 सितंबर को ही यहां आयुष्मान योजना की जानकारी देने और लोगों की मदद के लिए काउंटर लगाए गए थे। हर दिन करीब 10-15 लाभार्थी लिस्ट में अपना नाम तलाशने के लिए अस्पताल के इस काउंटर पर चक्कर काटते हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगती है, क्योंकि उन्हें लिस्ट में अपना नाम नहीं मिलता है। योजना का लाभ पाने की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजों को निराशा ही हाथ लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि काउंटर पर स्टाफ और कंप्यूटर तो है, लेकिन उसका कनेक्शन सॉफ्टवेयर नहीं हैं, जिसकी वजह से उनके पास कोई डेटा नहीं है। अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि योजना को बिना किसी तैयारी के लॉन्च कर दिया गया।
हैरानी तो तब हुई जब AIIMS जैसे बड़े अस्पताल में कोई भी स्टाफ इस योजना को लेकर बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। एम्स के डायरेक्टर डॉ रनदीप गुलैरिया का दावा है कि एम्स में मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है। हालांकि पूरे अस्पताल में कही भी इस योजना को लेकर कोई पोस्टर बैनर नहीं लगे थे। वहीं एम्स के बगल अस्पताल सफदरजंग में आयुष्मान योजना को लेकर कांउटर तो लगे हैं, लेकिन वहां कोई भी मरीजों को गाइड करने के लिए मौजूद नहीं है।
कहने का मतलब ये कि इस योजना को बिना किसी तैयारी के लॉन्च कर दिया गया। योजना से पब्लिसिटी जैसी चीज गायब है। देश के किसी भी हिस्से से आए मरीजों को इस योजना का लाभ मिलना है, लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा की स्कीम का लाभ लोगों तक पहुंचेगा या फिर स्कीम कागजों तक सीमित रह जाएगी।