नाइजीरिया में हाईजैक शिप का पता चला, हिमाचल के तीन युवकों की वापसी की उम्मीदें तेज
समुद्री लुटेरों ने पिछले दिनों जिस भारतीय समुद्री जहाज को नाइजीरिया में हाईजैक किया था, उसका पता भारत सरकार ने लगा लिया है। जहाज का पता लगने के बाद अब इस हाईजैक की जद में आये तीन हिमाचली युवाओं की सकुशल घर वापसी की कोशिशें तेज हो गई हैं।
शिमला। समुद्री लुटेरों ने पिछले दिनों जिस भारतीय समुद्री जहाज को नाइजीरिया में हाईजैक किया था, उसका पता भारत सरकार ने लगा लिया है। जहाज का पता लगने के बाद अब इस हाईजैक की जद में आये तीन हिमाचली युवाओं की सकुशल घर वापसी की कोशिशें तेज हो गई हैं। घटनाक्रम की जानकारी देते हुये हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि उन्हें यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फोन पर दी है। ठाकुर ने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का उन्हें फोन आया और उन्होंने जानकारी दी है कि हिमाचल के तीन युवकों का जिस जहाज में अपहरण किया है, उसका पता लग चुका है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित जहाज जिस कंपनी का है, उनके साथ विदेश मंत्रालय संपर्क में है तथा उन पर युवको को छुड़ाने का दबाव बनाया जा रहा है।
सुषमा ने किया फोन और दी जानकारी
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार तीनों युवकों को छुड़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि कांगड़ा जिला के तीन युवकों का समुद्री लुटेरों ने जहाज सहित अपहरण कर लिया था और दो महीने से ये तीनों युवक समुद्री लुटेरों के कब्जे में हैं। लुटेरे तीनों के परिजनों से 11 मिलियन नायरा (करीब 22 लाख) रुपए की फिरौती मांग रहे हैं और तभी सभी को छोड़ने की बात कह चुके हैं। इन युवकों में जिला कांगड़ा के नगरोटा सूरियां का सुशील भी शामिल है। मर्चेंट नेवी में तैनात सुशील पिछले 13 साल से अलग-अलग कंपनियों के साथ काम कर रहा है। लेकिन पिछले दिनों अचानक उनके शिप को नाइजीरिया में हाईजैक कर लिया गया है। जिसमें उसके साथ अजय कुमार और पंकज कुमार दो युवक भी फंस गए हैं। इन सभी को एक जंगल में बंधक बना कर रखा गया है। इस घटना में किस संगठन का हाथ है,इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन अब विदेश मंत्री के भरोसे के बाद परिजनों में सकुशल वापिसी की आस बंधी है।
परिजनों को बंधी आस
पिछले दिनों अपने अपहरण की जानकारी खुद सुशील ने अपने परिजनों को फोन पर बताई है। सुशील की अपने घरवालों से आखिरी बार बात 31 जनवरी 2018 को हुई थी। लेकिन परिजनों को लग रहा था, कि शायद उनका बेटा जल्द छूट जायेगा। लेकिन अब अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है। उन्हें आशंका है कि कहीं उनके बेटे व उसके साथियों के साथ भी कोई अनहोनी न हो गई हो। बताया जा रहा है कि सात मार्च को सुशील के घर पर एक सेटेलाइट कॉल आई, जिसमें सुशील ने अपना घटनाक्रम घरवालों को बताया। इस कॉल के 3 दिन बाद फिर से उसने घर पर फोन किया, जिसमें उसने लुटेरों द्वारा मांगी जा रही 11 मिलियन नायरा यानि 20 लाख रुपए की फिरौती के बारे में बताया।