लव मैरिज करने पर भाई-पिता ने गला दबाकर की हत्या, केरोसीन डालकर जलाया
पटियाला। पंजाब के पटियाला में सम्मान की खातिर हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां की 21 साल की ज्योति का प्रेम विवाह करना उसके पिता और भाई को इतना नागवार गुजरा कि दोनों ने गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, शव को रात को श्मशान में ले जाकर तेल डालकर जला दिया। मामला पटियाला के घिओरा गांव का है। पुलिस ने पूरी तरह जल चुकी लाश की हड्डियां चुनकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं भाई और पिता पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद घटना की तस्वीर साफ होगी। फिलहाल दोनों को हिरासत में ले लिया गया है।
दो महीने पहले ही गांव के ही एक युवक संग भागकर ज्योति ने की थी शादी
ज्योति को गांव के ही गुरजंट सिंह से प्यार हो गया था। वो शीशे का काम करता था। करीब दो महीने पहले दोनों घर से भाग गए और मोहाली के खरड़ स्थित गुरुद्वारा साहिब में जाकर शादी कर ली। बीस दिन तक घरवालों को कुछ पता नहीं चल पाया, लेकिन बाद में जब जानकारी मिली तो परिवार ने फोन पर ज्योति से बात की। उसे भरोसा दिलाया कि वह घर लौट आए। वे उसे कुछ नहीं कहेंगे। दोनों लौटे तो मामला पंचायत के पास पहुंचा। ज्योति पर दबाव बनाकर शादी तोडने का प्रस्ताव रखा गया। घरवालों ने मिलकर पंचायत के सामने दोनों का तलाक करवा दिया।
ज्योति गई गुरजंट से मिलने, भाई और बाप ने मार डाला
14 जुलाई को ज्योति एक बार फिर गुरजंट के घर गई। इस बात का पता उसके पिता और भाई को पता चल गया। बाद में दोनों ज्योति को घर ले गए और रात में ही गला दबाकर हत्या कर दी। फिर उसी समय बाइक से उसे श्मशान में ले जाकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरजंट की शिकायत पर ज्योति के पिता मनजीत सिंह और भाई जिंदर सिंह पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गुरजंट सिंह ने पुलिस को बताया सबकुछ
गुरजंट सिंह ने बताया कि तलाक के बाद वह मोहाली के पास बलटाना में काम करने लग गया। बीते 14 जुलाई को वह बलटाना से अपने गांव घयौरा आया था। रात को करीब 10 बजे वह ज्योति कौर के घर के पास से गुजर रहा था तो उसने ज्योति के घर से चीखने की आवाज सुनाई दी। जैसे ही उसने घर में झांक कर देख तो उसके होश उड़ गए। ज्योति के पिता मनजीत सिंह और भाई जिंदर सिंह ज्योति का गला दबा रहे थे, जिससे उसकी मौत हो गई। अपना गुनाह छिपाने के लिए उन्होंने ज्योति के शव को कपड़े मे लपेट कर रात में ही श्मशानघाट ले गए और शव को जला दिया।