हॉन्ग कॉन्ग ने वुहान वायरस को घोषित किया नेशनल इमरजेंसी, चीन से आने वाले नागरिकों को लेकर भारत सतर्क
नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर में तेजी से फैले कोरोना वायरस से हंगामा मचा हुआ है। भारत समेत कई देशों ने चीन में रहने वाले अपने नागरिकों को इस वायरस से सतर्क रहने को कहा है। वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब हॉन्ग कॉन्ग ने इसे नैशनल इमर्जेंसी घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को हॉन्ग कॉन्ग ने वुहान वायरस (कोरोना) को नैशनल इमर्जेंसी घोषित करते हुए अपने नागरिकों को वायरल से सतर्क रहने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस से पीड़ित 800 मामला सामने आए हैं जबकि 25 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने भी एयरपोर्ट पर आने वाले चीनी नागरिक और भारतीय नागरिकों की जांच तेज कर दी है। शुक्रवार को मुंबई के दो व्यक्तियों में कोरोना वायरल के लक्षण देखे जाने के बाद उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है। अस्पताल में ऐसे मरीजो के लिए अलग वार्ड बनाया गया है ताकि वहां अन्य मरीज संक्रमित ना हो सकें।
बता दें कि सी फूड से फैले कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा उन्हें ज्यादा है जो लोग हवाई यात्रा करते हैं, क्योंकि चीन से लौटे संक्रमित यात्री की चपेट में आने से कोई भी एयरपोर्ट पर मौजूद शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। हालांकि यह खतरा उन लोगों का ज्यादा है, जो इंटरनेशनल यात्रा करते हैं। गौरतलब है कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने अभी हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने से इसलिए मना कर दिया है।
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक चीन में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 830 मामले सामने आए हैं।ह्यूमन कोरोना वायरस (HCoV) की पहचान पहली बार 1960 के दशक में आम सर्दी के रोगियों में नाक में हुई थी। मनुष्यों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण अक्सर सर्दियों के महीनों के साथ-साथ शुरुआती वसंत के दौरान होती है। कोरोना वायरस के कारण होने वाली सर्दी से बीमार व्यक्ति को लगभग चार महीने बाद यह संक्रमण दोबारा हो सकता है।
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