कोरोना वायरस से बचने में होम्योपैथी दवा क्या आएगी काम, जानिए क्या कहता है डब्लूएचओ
Know what homeopathic medicine will help to prevent corona virus, know what the world health organization says
बेंगलुरु। दुनिया के सभी देशों में कोरोना ने त्राहिमान मचा रखा है। वहीं भारत में संपूर्ण लॉकडाउट के बावजूद देश भर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं। हालांकि कोरोना वायरस जैसी इस महामारी पर कंट्रोल करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारें युद्ध स्तर पर जुटी हुई है इसके बावजूद नए संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि यह एक युद्ध है जिसे इस दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा है।
न अभी तक कोई वैक्सिन बनी है न ही दवा
बता दें भारत में अब तक 979 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और 25 लोगों की मौत हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण न पाने का प्रमुख कारण हैं कि इसके लिए न तो किसी देश के पास कोई टीका हैं और न ही कोई दवा हैं। हालांकि भारत समेत अन्य देश इस कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सिन बनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं और मेडिसिन क्षेत्र के वैज्ञानिक इसकी कारगर दवाई बनाने में जुटे हुए हैं।
आयुष मंत्रालय ने किया था ये दावा
पहले बता दें दुनिया को तो अभी कोरोना वायरस के बारे में ही बहुत कम जानकारी है वहीं आयुष मंत्रालय ने लगभग दो माह पूर्व ही होम्योपैथी समेत अन्य पद्धातियों पर आधारित कुछ दवाओं की लिस्ट साक्षा करते हुए कोरोना से होने वाले संक्रमण से लोगों को बचाने में कारगर बताया था। आयुष मंत्रालय ने 29 जनवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस के लक्षणों के उपचार के लिए होम्योपैथी में दवाएँ हैं! "कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों को रोकने में होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा उपयोगी" नामक विज्ञप्ति में संक्रमण से बचने के लिए होम्योपैथी की आर्सेनिकम एल्बम 30 दवा लेने की सलाह भी दी गई थी।
इन पद्धतियों की बताई थी ये दवाएं
आयुष मंत्रालय ने कहा था कि लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में यूनानी दवाओं में शरबत उन्नाब, तिर्यकअर्बा, तिर्यक नजला, खमीरा मार्वारिद जैसी दवाएं काम आ सकती हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में लोगों को साफ-सफाई से रहने की सलाह दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जब तक वैक्सीन तैयार नहीं होती क्या किसी को वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करना चाहिए? जानिए इस पर विश्व स्वास्थ संगठन का क्या कहना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कही ये बात
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस गेब्रेयेसिस के मुताबिक कोविड-19 से बचने के लिए किसी भी तरह की दवा लेना हानिकारक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इलाज में बिना ट्रायल और बिना वैज्ञानिक प्रमाण वाले दवाओं के इस्तेमाल करने से बिलकुल बचे। डब्लूएचओ के अनुसार हालांकि कई दवाएं पेपर पर और टेस्ट ट्यूब में कोरोना वायरस के खिलाफ काम करती पायी गई लेकिन वो वास्तविक मरीजों पर वो कारगर नहीं रही हैं। हमें इस वायरस के इलाज में कारगर दवाओं के जब तक पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल जाते तब तक ये सब मात्र अटकलें हैं कोराना वायरस का संक्रमण अब एक वैश्विक महामारी बन चुकी है ऐसे में इस मामले में हम कोई शॉर्टकट नहीं ले सकते। ऐसे में स्वयं को घरों में कैद रख कर कोरोना वायरस के संपर्क में आने से स्वयं को बचाना ही इससे सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प है।
कोरोना वायरस से ऐसे करें अपना बचाव
कोरोना वायरस से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन से धोएं और खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें। बिना हाथ धोए अपने चेहरे, नाक को न छूए औश्र संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे, और स्वयं को घरों में कैद रखे।
आयुष मंत्रालय ने कोरोना से बचने के लिए दी थी ये सलाह
आयुष मंत्रालय के मुताबिक तुलसी, काली मिर्च और पिप्पली जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां से लोगों को कोरोना वायरस के सक्रमण से बचाया जा सकता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई हैं। ये बात और है कि ये उपाय आपके शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में जरूर सहायक हो सकते हैं। कोरोना वायरस के लिए लगातार ये ही बात सामने आ रही है कि अगर आपके शरीर में रोगों से लड़ने वाली प्रतिरोध क्षमता बढि़या होगा आपको ऐसा कोई भी वायरस जकड़ नही सकेगा। इसीएिल आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाई गई ये दवाइयां और जड़ी-बूटियां और मसाले आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है और अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी तो किसी भी तरह का वायरस आपको छू नहीं सकेगा। घर में रहें पौष्टिक भोजन करें और अपने आस-पास सफाई बनाए रखें।
कोरोना संक्रमण के लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को सबसे पहले बुखार और सूखी खांसी होती है। अगर आपको ये लक्षण खुद में दिखें तो संभव है कि आप पॉजीटिव हो सकते हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। एहतियात के तौर पर खुद को बाहरी दुनिया से अलग-थलग कर लें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।
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