जम्मू-कश्मीर में बीते दस महीने में 919 अलगाववादियों की सुरक्षा हटाई गई
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि जम्मू कश्मीर में बीते दस महीने के राज्यपाल शासन के दौरान 919 अलगाववादियों और दूसरे लोगों की सुरक्षा वापस ली है। जो इसके हकदार नहीं थे। इनकी सुरक्षा में 2768 पुलिसकर्मी और 389 सरकारी वाहन लगे हुए थे। 20 जून 2018 में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा था, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, राज्य की पुलिस का एक बड़ा हिस्सा इस काम में लगा था और केंद्र ने ये पाया कि बहुत सारे ऐसे लोगों को सुरक्षा मिली हुई है, जिनको जरूरत नहीं है। इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी मुश्किल हो रही है। जिसके बाद गृह मंत्रालय और जम्मू कश्मीर के गवर्नर ने ये फैसला लिया। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आतंक और अलगाववाद के खिलाफ सरकार का रवैया सख्त है और इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी।
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बीते कुछ समय में जम्मू कश्मीर में अलगाववादी रुझान रखे वाले नेताओं की सुरक्षा वापस हुई है। वहीं कई संगठनों को भी बैन किया गया है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व वाले संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर भी बीते माह 22 मार्च को प्रतिबंध लगा दिया था। सूबे में अलगाववादी विचारों को फैलाने के आरोप में जेकेएलएफ को बैन किया गया है।
उससे पहले केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। संगठन का संबंध आतंकी संगठनों के साथ होने की बात कहते हुए गृह मंत्रालय ने ये कार्रवाई की थी। जमात पर पांच साल के लिए बैन लगाया गया है।
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