मेघालय से अफस्पा हटा, अरुणाचल में अब सिर्फ 8 पुलिस स्टेशन पर स्पेशल एक्ट
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सोमवार को विवादास्पद अफस्पा (आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट) को मेघायल से पूरी तरह से हटा दिया है। वहीं, अरूणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में भी अफस्पा को कम कर दिया है। पिछले साल सितंबर 2017 तक मेघालय की 40 प्रतिशत आबादी अफस्पा के अंतर्गत आती थी। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा कि अब मेघालय से इस स्पेशल एक्ट को पूरी तरह से हटा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां 2017 में अरुणाचल प्रदेश में 16 अफस्पा पुलिस स्टेशन थे, वो इस साल घटकर सिर्फ 8 रहे गए हैं। एक अन्य निर्णय में गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में विद्रोहियों के लिए आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति के तहत 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक सहायता राशि कर दी है। सरकार की यह नई पॉलिसी 1 अप्रैल, 2018 से लागू होगी। सरकार ने मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड जाने वाले विदेशियों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट और संरक्षित क्षेत्र परमिट में थोड़ी ढीलाई बरती है। हालांकि, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान जैसे देशों के लिए अभी इस क्षेत्र में प्रतिबंध जारी रहेगा।
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पिछले 4 साल में देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में विद्रोहियों से संबंधित घटनाओं में 63 फिसदी तक कमी आई है। वहीं, 2017 में नागरिकों की मौत में 83 फिसदी और सिक्योरिटी फोर्स पर हमले में 43 फिसदी तक कमी आई हैं। हालांकि, 2000 में 85 प्रतिशत तक उत्तर पूर्वी में विद्रोहियों की घटनाओं में कमी आई थी और इससे पहले 1997 में 96 प्रतिशत तक कमी आई थी।
गृह मंत्रालय ने मार्च 2018 में कहा कि उन्होंने असम, अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में 10 भारतीय रिजर्व बटालियन की तैनाती को मंजूरी दे दी है। पूर्वोत्तर में तैनात केंद्रीय बलों की जगह भारतीय रिजर्व बटालियन लेगी।