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गृह मंत्रालय ने अमेरिकी नागरिक जॉन चाऊ को मृत माना, अंडमान में तीर लगने से हुई थी मौत

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नई दिल्‍ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी नागरिक जॉन एलेन चाऊ के बारे में आधिकारिक बयान जारी किया है। चाऊ, अंडमान में थे जब यहां की एक पिछड़ी जनजाति सेन्टिनेल ने तीर मारकर उनकी हत्‍या कर दी थी। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है, 'चाऊ लापता हैं और अब उन्‍हें मृत मान लिया गया है।' चाऊ का शव अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है और इ‍सलिए ही उन्‍हें सरकार ने मृत माना है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से कहा गया है कि 27 वर्ष के जॉन चाऊ ने कई नियमों का उल्‍लंघन किया था और अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर वह उस हिस्‍से में पहुंच गए थे जहां पर यह जनजाति रहती है। अधिकारी की मानें तो चाऊ उस हिस्‍से में पहुंच गए थे जहां पर पर्यटकों को जाने की इजाजत नहीं थी। यह भी पढ़ें-मरने से पहले क्‍या थे एलेन चाऊ के शब्‍द

जॉन ने तोड़े कई नियम

जॉन ने तोड़े कई नियम

गृह मंत्रालय के अधिकारी की ओर से कहा गया है, 'विदेश पर्यटकों के लिए कुछ इलाके प्रतिबंधित हैं: इन इलाके को मिनिस्‍ट्री ऑफ ट्राइबल्‍स अफेयर्स के प्रोटेक्‍शन ऑफ एबओरिजनल ट्राइब्‍स रेगुलेशन 1956 और दूसरे इंडियन फॉरेस्‍ट्स एक्‍ट 1927 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही इन इलाकों पर रिस्‍ट्रीक्‍टेड एरिया परमिट (आरएपी) लागू है। इसके तहत किसी भी विदेशी पर्यटक को किसी द्वीप पर जाने की इजाजत नही है।' हालांकि आरएपी को नॉर्दन सेन्टिनेल के साथ ही 28 और द्वीपों से उठा लिया गया था। ऐसे में विदेशी पर्यटकों को इन इलाकों में जाने से पहले किसी तरह की आधिकारिक मंजूरी की जरूरी नहीं होती है। लेकिन उन्‍हें फॉरेन रजिस्‍ट्रेशन रीजनल ऑफिसर यानी एफआरआरओ को अपने ठहरने के बारे में बताना होता है।

होटल को भी नहीं दी कोई जानकारी

होटल को भी नहीं दी कोई जानकारी

अधिकारी ने बताया कि चाऊ ने ऐसा नहीं किया था ऐसे में एफआरआरओ के कुछ नियम उन पर लागू नहीं हो सकते। उन्‍होंने अपने उस होटल को भी कोई जानकारी नहीं दी थी जहां पर वह रुके थे। अधिकारी की मानें तो हो सकता है कि चाऊ किसी होटल में रुके ही न हो। उनके एक स्‍थानीय दोस्‍त एलेक्‍टजेंडर जो एक इलेक्‍ट्रीकल इंजीनियर हैं, एक लोकल वॉटर स्‍पोर्ट्स सहायक सॉ रेमिज और पांच मछुआरों ने चाऊ को नॉर्दन सेन्टिनेल द्वीप पर पहुंचने में मदद की थी। यह लोग चाऊ के साथ इस हिस्‍से तक गए। इन लोगों ने पुलिस, कोस्‍ट गार्ड और इंडियन नेवी की ओर से बनाए गए नियमों को भी तोड़ा था।

मछुआरों को दिए 25,000 रुपए

अधिकारी की मानें तो चाऊ ने इसके लिए स्‍थानीय मछुआरों को करीब 25,000 रुपए दिए थे। इसलिए ही मछुआरों पर आईपीसी के कानूनों के तहत आरोप तय किए गए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक चाऊ एक ऐसे जगह पर जा रहे थे जो हर तरह से प्रतिबंधित है। यह इलाका जनजाति और पर्यावरण के लिहाज से भी प्रतिबंधित है। इस अधिकारी के मुताबिक अंडमान और निकोबार पुलिस को भी यह बात नहीं मालूम है कि चाऊ द्वीप पर क्‍यों गए थे। मछुआरों को जॉन की ओर से लिखा 13 पेज का एक जर्नल भी मिला था जिसके बाद ही उन्‍होंने चाऊ के दोस्‍त एलेक्‍जेंडर को उनकी मौत के बारे में जानकारी दी थी।

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English summary
Home Ministry has pronounced American man John Chau dead who was killed by an isolated Sentinelese tribe in Andaman.
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