अमित शाह से मिलने से पहले आंकड़े रट रहे हैं गृह मंत्रालय के अधिकारी, जानिए कैसा है माहौल
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, जिन्हें राजनीति के चाणक्य के नाम से जाना जाता है। उनके गृह मंत्रालय संभालने का असर मंत्रालय के कामकाज में दिख रहा है। शाह को उनके परेफ्शन के लिए जाना जाता है। शाह अपने मंत्रालय के अधीन अधिकारियों से भी इसी परफेक्शन की उम्मीद रखते हैं। इसी वजह से मंत्रालय का माहौल कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा है। अधिकारी अमित शाह से मिलने से पहले काफी होमवर्क कर रहे हैं।
आंकड़े रट रहे हैं अधिकारी
अमित शाह से मिलने से पहले गृह मंत्रालय के अधिकारी आंकड़े रट रहे हैं। ताकि वो अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को लेकर स्पष्ट नजरिया शाह के सामने रख सके। शाह से सामान्य शिष्टाचार के दौरान भी ये देखा जा रहा है। गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली विभिन्न एजेसिंया, सुरक्षा बलों के प्रमुख शाह से मिलने से पहले होम वर्क कर रहे हैं ताकि अपनी सफलता के आंकड़े उनके सामने रख सकें। कुछ अधिकारियों में इसे लेकर हड़बड़ाहट भी दिख रही है और शाह से मुलाकात के दौरान आंकड़ो को लेकर हड़बड़ा रहे हैं। इस बीच कुछ अधिकारी ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि उनसे अमित शाह कोई सवाल ना पूछें।
शाह के आने से बदला है माहौल
केंद्रीय गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद मंत्रालय में कामकाज का तरीका भी बदल गया है। शाह सुबह 10 बजे अपने नॉर्थ ब्लॉक स्थित ऑफिस पहुंच जाते हैं। वो देर शाम ऑफिस में रहते हैं। इस वजह से उनके जूनियर मंत्रियों और उनके विभाग से संबंधित अधिकारियों को भी इस रुटीन को फॉलो करना पड़ रहा है। लंबे समय से गृह मंत्रालय कवर कर रही एक महिला पत्रकार ने बताया कि उन्होंने अभी तक चार गृह मंत्रियों का कार्यकाल देखा है। उनसे पहले कोई भी मंत्री इतनी देर तक अपने ऑफिस में नहीं रुकते थे। राजनाथ सिंह अपनी ज्यादातर महत्वपूर्ण बैठक अपने घर में ही करते थे।
शाह ने अध्यक्ष रहते पार्टी को दिया नया आयाम
शाह अपने लक्ष्य को लेकर पहले से ही काफी गंभीर हैं। पार्टी के अध्यक्ष रहते हुए भी ये दिखता है। बीजेपी के पदाधिकारी बताते हैं कि शाह किसी भी समय फोन मिला देते थे। वो हर किसी को जो भी काम देते थे, उसकी समयसीमा भी निर्धारित कर देते थे। शाह के अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 303 सीटें जीती हैं। इसके अलावा पार्टी ने उनके अध्यक्ष रहते हुए कई राज्यों में चुनाव जीतकर इतिहास रचा।
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