राज्यसभा में मोदी सरकार की दो टूक, कहा- नहीं हटेगा देशद्रोह कानून
नई दिल्ली। राज्यसभा में मोदी सरकार ने कहा है कि देशद्रोह कानून नहीं हटाया जाएगा। यहां कहा गया कि देश की सुरक्षा के लिए ये कानून जरूरी है। बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत मौखिक व लिखित शब्दों, चिन्हों, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाना, असंतोष जाहिर करना, देश के विरोध में बातचीत करना देशद्रोह के भीतर आता है। इसके तहत दोषी पाए गए आरोपियों की तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
गौरतलब है कि साल 1962 में सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसा कुछ करने को देशद्रोह बताया है। बताते चले कि आईपीसी की कुछ धाराओं के तहत गुट बनाकर बातचीत करने भी सरकार के विरोध में होना माना जाता है।
बता दें कि देशद्रोह कानून भारत में अंग्रेजों द्वारा लाई गई औपनिवेशिक व्यवस्था है। दरअसल साल 1980 में सरकार ने इस नियम का मसौदा तैयार किया था। बाद में इसे आईपीसी की धारा 124 ए का रूप दिया गया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर देशद्रोह कानून हटाने का वादा किया था। वहीं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि राजग की सरकार आती है तो देशद्रोह कानून को और भी सख्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि सरकार देशद्रोह कानून को इतना सख्त बनाएगी कि देशद्रोहियों की आत्मा कांप उठेगी।
यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: 44 आरोपियों के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का केस, कोर्ट में चार्जशीट दाखिल