जम्मू कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक, घाटी में केंद्र की योजनाओं को पहुंचाने पर जोर
जम्मू कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला की अध्यक्षता में आज उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा हुई। वहां जल्दी से जल्दी जिंदगी कैसे सामान्य हो इसको लेकर अधिकारियों ने मंथन किया। गृहमंत्रालय के अलावा और भी कई विभागों के अधिकारी बैठक में शामिल हुए हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इस बात पर जोर रहा कि कैसे केंद्र की योजनाओं को जम्मू कश्मीर में जमीन पर उतारा जाए ताकि जल्दी से वहां हालात सुधरें।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना के बाद इस तरह की पहली उच्च स्तरीय बैठक है। 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने बिल लाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला किया गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा का प्रावधान किया गया है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। सरकार के इस फैसले के बाद से ही जम्मू कश्मीर खासतौर से घाटी में तनावपूर्ण हालात हैं। 22 दिन से घाटी में संचार के सभी साधन बंद हैं, राज्य के ज्यादातर नेता या तो घरों में नजरबंद हैं या फिर हिरासत में हैं। ज्यादातर जगहों पर 144 लागू है, कुछ जगहों पर रात का कर्फ्यू है। बीते 22 दिन में देश के दूसरे हिस्सों से कई नेताओं ने जम्मू कश्मीर जाने की कोशिश की है लेकिन सभी को प्रशासन ने श्रीनगर से लौटा दिया है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम 27-28 अगस्त को कश्मीर घाटी का दौरा कर विकास योजनाओं पर प्रशासन एवं आम जनता से संपर्क-संवाद करेगी। बाद में पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल की अगुवाई में एक टीम जम्मू-कश्मीर, लद्दाख का दौरा करेगी, जिसमें इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के 50 से अधिक नेताओं के लिए जेल बना संतूर होटल