अमित शाह हुए 56 के, PM मोदी ने खास अंदाज में मित्र को किया बर्थडे विश
नई दिल्ली। देश के गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह आज 56 वर्ष के हो गए हैं, इस खास मौके पर देश के पीएम मोदी ने बेहद खास अंदाज में अपने प्रिय मित्र को जन्मदिन की बधाई दी है, पीएम ने आज सुबह ट्वीट किया है कि 'देश की प्रगति में जिस समर्पण और उत्कृष्टता के साथ अमित शाह आप योगदान दे रहे हैं, हमारा देश उसका गवाह बन रहा है, मैं आपके लंबे और स्वस्थ्य जीवन की कामना करता हूं, आपके राष्ट्र और जनहित के प्रति आपके विजन, नेतृत्व, अनुभव, और दूरदर्शिता का लाभ सदैव मिलता रहे।'
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जय-वीरू की जोड़ी कहलाती है मोदी-शादी की जोड़ी
मालूम हो कि देश की राजनीति में जय-वीरू की जोड़ी से नाम से विख्यात शाह-मोदी ने दोस्ती, कामयाबी का नया इतिहास लिखा है। गौरतलब है कि अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के एक संपन्न परिवार में हुआ था। शाह महज 16 वर्ष की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे और वह एबीवीपी के कार्यकर्ता भी थे। अपनी कुशलता और सक्रियता के दम पर वह महज दो वर्ष के भीतर एबीवीपी गुजरात इकाई के संयुक्त सचिव बन गए थे। पीएम मोदी से शाह की मुलाकात 1986 में हुई थी और उसके बाद से दोनों अच्छे दोस्त बन गए और फिर दोस्तों की इस जोड़ी ने सफलता का नया इतिहास लिखा, इन दोनों की जोड़ी लोगों के लिए मिसाल बन गई।
38 साल पुराना है याराना...हर पल साथ-साथ
इस दोस्ती के आगे पूरे भारत ने तब सिर झुका लिया जब यूपी में अंतिम सांसों में सिसक रही भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की, लोगों ने इस जीत को मोदी-शाह सूनामी नाम दिया।यूं तो मोदी और शाह की उम्र में बहुत अंतर है लेकिन दोनों की दोस्ती पर उम्र का फासला भी मायने नहीं रखता है।
राजनीति के हमसफर बन चुके हैं शाह-मोदी
मोदी के करीबी कहते हैं कि पीएम मोदी बहुत कम लोगों पर भरोसा करते हैं और बहुत कम लोग ही उनके निकट हैं लेकिन उन कम लोगों में सबसे ऊपर नाम अमित शाह का है जो उनके हमराज और राजनीति के हमसफर बन चुके हैं। मोदी और अमित शाह की दोस्ती केवल 38 साल पुरानी है।
शाह के साथ मोदी ने गुजरात में हैट्रिक पूरी की...
इन 38 सालों में मोदी और अमित शाह ने देश की राजनीति को बेहद करीब से देखा है। अगर शाह के साथ मोदी ने गुजरात में हैट्रिक पूरी की थी तो वहीं साल 2002 के दंगो का गम और दंश भी झेला। यही नहीं अमित शाह जब जेल में थे तो उनके परिवार को भी संभालने का काम मोदी ने ही किया था, यह आपस में दोनों की समझदारी और प्यार ही है जो मोदी ने सभी लोगों को दरकिनार करते हुए साल 2014 के आम चुनावों में यूपी का चुनाव प्रभारी अमित शाह को बनाया और अमित शाह ने मोदी को पार्टी की जीत का तोहफा दिया।
मोदी और शाह की जोड़ी ने रचा इतिहास
उत्तर प्रदेश में तीन चौथाई बहुमत, बीजेपी ही नहीं, संघ परिवार और उसकी विचारधारा से सहमति रखने वालों के लिए सपनों के सच होने जैसा था,इसके साथ ही मोदी और शाह की जोड़ी ने भारत की चुनावी सियासत में सबसे बड़ी लकीर भी खींच दी। अटल-आडवाणी के दौर में बनी ये जोड़ी राजनीति में तीसरा दशक पूरा कर रही है।
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