मानवाधिकारों का हवाला देने वाले पहले रेप पीड़िताओं के बारे में सोचें: केंद्रीय गृहमंत्री
नई दिल्ली, 4 अप्रैल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने लोकसभा में दण्ड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कई अहम बाते कीं। उन्होंने एक ओर जहां विरोधी दलों की ओर से गुस्सा करने की बात पर बेबाकी से जवाब दिया। वहीं मानवाधिकारों के विषय पर सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मानवाधिकारों का हवाला देने वालों को पहले रेप पीड़ितों के मानवाधिकारों के बारे में सोचना चाहिए।

बजट सत्र का अंतिम सप्ताह चल रहा है। निचले सदन राज्यसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) Criminal Procedure (Identification) विधेयक, 2022 पर चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से की गई आलोचनाओं के जवाब में कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। इसका कोई दूसरा इरादा नहीं है । बजट सत्र के दूसरे चरण का सोमवार 14वां दिन था। बजट के अंतिम सत्र में केंद्र सरकार कुल 7 विधेयक पेश कर रही है, जिसमें 3 लोकसभा में पहले ही पारित हो चुके हैं।
विपक्ष
केवल
लुटेरों,
बलात्कारियों
की
चिंता
करता
है:
अमित
शाह
वहीं
मानाविधाकारों
को
लेकर
उठ
रहे
सवाल
पर
केंद्रीय
गृहमंत्री
ने
कहा
कि
मानवाधिकारों
का
हवाला
देने
वालों
को
भी
रेप
पीड़ितों
के
मानवाधिकारों
के
बारे
में
सोचना
चाहिए।
उन्होंने
विपक्ष
का
नाम
लिए
बिना
कहा
कि
वे
केवल
बलात्कारियों
और
लुटेरों
की
चिंता
करते
हैं
लेकिन
केंद्र
सरकार
कानून
का
पालन
करने
वाले
नागरिकों
के
मानवाधिकारों
की
चिंता
करता
है।
केंद्रीय
गृह
मंत्री
अमित
शाह
ने
चर्चा
का
जवाब
देते
हुए
कहा
कि
बिल
किसी
दुरुपयोग
के
लिए
नहीं
लाया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
जो
लोग
मानव
अधिकारों
की
चिंता
कर
रहे
हैं
वह
उन
लोगों
के
भी
मानवाधिकारों
के
चिंता
करें
जो
पीड़ित
होते
हैं।
अमित
शाहग
ने
कहा
कि
लोग
कह
रहे
हैं
कि
यह
जल्दी
क्यों
आ
गया।
वहीं
मेरा
कहना
है
कि
इतनी
देर
हो
गई।
उन्होंने
कहा
कि
मानवाधिकारों
का
हवाला
देने
वालों
को
भी
रेप
पीड़ितों
के
मानवाधिकारों
के
बारे
में
सोचना
चाहिए।
वे
(विपक्ष)
केवल
बलात्कारियों,
लुटेरों
की
चिंता
करते
हैं,
लेकिन
केंद्र
कानून
का
पालन
करने
वाले
नागरिकों
के
मानवाधिकारों
की
चिंता
करता
है।
निचले सदन राज्यसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि यह बिल 1920 के बंदी शिनाख्त अधिनियम की जगह लेगा। शाह ने कहा कि बदलते समय में दोष सिद्ध करने के लिए अदालतों के लिए आवश्यक सबूत और जांच एजेंसियों के अधिकार बढ़ाने को लेकर यह नया विधेयक जरूरी है। इससे दोष सिद्ध करने में और सजा की दर बढ़ाने में सहायता मिलेगी। गृहमंत्री ने कहा कि 1980 में विधि आयोग ने भी इस तरह का कानून बनाने का सुझाव भारत सरकार को भेजा था। लेकिन इस पर लंबे समय तक चर्चा होती रही।