DRDO ने किया रुस्तम 2 ड्रोन का सफल परीक्षण, जानिए खासियत
नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने पहले हैवी ड्यूटी ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के चलाकेरे में किया गया है। पहले हैवी ड्यूटी ड्रोन को रुस्तम-2 ड्रोन का नाम दिया गया है। ये ड्रोन मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ान भरने में क्षमता रखता है।
DRDO के अधिकारियों के मुताबिक रुस्तम-2 ड्रोन को अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोनों की तर्ज पर विकसित किया गया है। ये ड्रोन सशस्त्र बलों के लिए निगरानी एवं रेकी की भूमिकाओं को निभा सकता है।
रुस्तम-2 ड्रोन एक मानवरहित विमान है जो 21 मीटर लंबा हैं। इसका वजन 1.8 टन है, वहीं इसकी स्पीड 225 kmph है। ये 350 किलो वजन के हथियारों के साथ एक बार में 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
इस ड्रोन में सिंथेटिक अपर्चर रडार, मेरीटाइम पेट्रोल रडार और टक्कर रोधी प्रणाली लगाई गई है, जो इसे ओर भी खास बनाती है।
रुस्तम-2 ड्रोन के बारे में डीआरडीओ ने बयान जारी करके कहा- ''डीआरडीओ ने चित्रदुर्ग के चलाकेरे में अपने एरोनॉटिकल परीक्षण रेंज (एटीआर) में आज रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया। सफल परीक्षण के सभी मानक ''सामान्य'' रहे. रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है।'
बता दें, इस ड्रोन का नाम पूर्व साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर रखा गया है। उनकी रिसर्च 80 के दशक में एविएशन सेक्टर में काफी काम आई थी। साल 2001 में रुस्तम दमानिया की मृत्यु हो गई थी।
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