RCEP पर हस्ताक्षर नहीं करने के फैसले का अमित शाह ने किया स्वागत
नई दिल्ली। भारत ने रीजनल कॉम्प्रिहंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप(आरईसीपी) में शामिल ना होने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार भारत अपने कोर इंटरेस्ट से समझौता नहीं करेगा। आरसीईपी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करने के पीएम मोदी के फैसले का गृह मंत्री अमित शाह ने स्वागत किया है। वहीं बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, गरीबों के कल्याण के प्रति पीएम मोदी ने दिखाई प्रतिबद्धता। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुके पीएम।
आरसीईपी एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करने के पीएम मोदी के फैसले का गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि, आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं करने का भारत का निर्णय पीएम नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हित को सुनिश्चित करने के लिए अविचल संकल्प का परिणाम है। यह हमारे किसानों, MSMEs, डेयरी और विनिर्माण क्षेत्र, दवा, इस्पात और रासायनिक उद्योगों को समर्थन सुनिश्चित करेगा।
वहीं बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, भारत वैश्विक दबाव के आगे नहीं झुका और अपने आर्थिक हितों को छोड़ दिया, पिछली कांग्रेस-नीत सरकारों के विपरीत जिन्होंने कमजोर एफटीए के माध्यम से भारतीय बाजार खोले दिए थे। पीएम नरेंद्र मोदी जी ने फिर से गरीबों के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। जेपी नड्डा ने ट्वीट कर मजबूती से भारतीय हितों के साथ खड़े रहने के लिए पीएम को बधाई दी।
HM Amit Shah: India’s decision to not sign #RCEP is a result of PM's strong leadership & unflinching resolve to ensure national interest in all circumstances. It shall ensure support to our farmers, MSMEs, dairy & manufacturing sector, pharmaceutical, steel & chemical industries. pic.twitter.com/Ak5Y2Soq4k
— ANI (@ANI) November 4, 2019
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि, भारत ज्यादा बड़े क्षेत्रीय एकीकरण के साथ ही मुक्त व्यापार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पालन के लिए खड़ा है। भारत शुरुआत से ही RCEP वार्ता में सक्रिय, रचनात्मक और सार्थक रूप से लगा हुआ है। भारत इस डील में लेन-देन के मामले में बराबरी लाने के पोषित उद्देश्य से काम कर रहा था। आज, जब हम RCEP पर पिछले सात सालों में हुई बातचीत को देखते हैं तो बहुत सी बातें, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार की परिस्थितियां भी शामिल हैं, बदल चुके हैं। हम इन बदलावों को अनदेखा नहीं कर सकते। RCEP समझौते का वर्तमान स्वरूप इस समझौते की मूल भावना और RCEP समझौते के मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह से प्रदर्शित नहीं करते हैं।
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