प्रियंका के घर में घुसपैठ पर शाह की सफाई, कहा- कन्फ्यूजन के चलते हुई गड़बड़ी
नई दिल्ली। राज्यसभा में एसपीजी (संशोधन) बिल 2019 को ध्वनिमत से पारित किया गया। कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। इसके साथ ही अब यह कानून बन जाएगा। यह बिल लोकसभा में पिछले हफ्ते ही पास हो गया था। इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सिक्योरटी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता है। उन्होंने इन दावों को भी खारिज किया कि एसपीजी कानून हटाने का सरकार का यह फैसला बस गांधी परिवार को निशाने पर रखकर लिया गया है।
4 संशोधन गांधी परिवार को ध्यान में रखते हुए किए: अमित शाह
सदन में बिल पर जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, इस बिल में हमने पांचवां संशोधन किया है और यह परिवर्तन गांधी परिवार को ध्यान में रखते हुए नहीं किए गए। हां, इससे पहले जो 4 संशोधन किए गए थे, वह बेशक एक परिवार को ध्यान में रखकर ही किए गए थे। सुरक्षा को स्टेटस सिंबल नहीं बनाया जा सकता है। केवल एसपीजी की ही मांग क्यों? एसपीजी सुरक्षा घेरा केवल राष्ट्र के मुखिया के लिए है, हम इसे हर किसी को नहीं दे सकते हैं। हम किसी एक परिवार के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं।
अमित शाह ने संसद में प्रियंका गांधी की सुरक्षा में हुई चूक पर कहा...
गृहमंत्री ने कहा कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ऐक्ट सिर्फ पीएम के व्यक्तिगत सुरक्षा की चिंता नहीं करता अन्य पहलुओं पर भी सुरक्षा करता है, जैसे पत्राचार वगैरह शामिल है. शाह ने कहा कि थ्रेट का सवाल है सिर्फ गांधी परिवार नहीं बल्कि 130 करोड़ लोगों के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, एसपीजी की जिद क्यों की जा रही है। अमित शाह ने संसद में प्रियंका गांधी की सुरक्षा में हुई चूक पर कहा कि इस मामले की हाई-लेवल जांच की जा रही है और इसके लिए तीन लोगों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है।
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शारदा त्यागी बोली- सुरक्षा में भारी लापरवाही
उन्होंने जानकारी दी कि उस दिन प्रियंका गांधी को बताया गया था कि राहुल गांधी उनसे मिलने ब्लैक एसयूवी में आ रहे हैं, लेकिन संयोग से उसी वक्त एक दूसरी ब्लैक एसयूवी आई, जिसमें मेरठ से कांग्रेस की नेता शारदा त्यागी थीं। चूंकि वक्त और गाड़ी का कलर एक जैसा था तो गाड़ी को बिना किसी सिक्योरिटी के अंदर जाने दिया गया। अमित शाह के इस बयान के बाद शारदा त्यागी ने कहा कि, मुझे उनका (प्रियंका गांधी वाड्रा का) मकान नंबर नहीं पता था और कांग्रेस कार्यालय में फोन करके इसके बारे में पूछा। जब मैं वहां तो वहीं किसी भी सुरक्षागार्ड ने यह तक नहीं देखा कि कार में कौन बैठा हुआ है। उन्होंने तुरंत बैरिकेड को हटा दिया गया और गेट खोल दिए।
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