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मूसा के ऑडियो के बाद हिजबुल में पड़ी फूट, पीओके से आया ऑडियो को न मानने वाला बयान

हिजबुल मुजाहिद्दीन ने कमांडर जाकिर भट उर्फ मूसा के हुर्रियत नेताओं का सिर कलम करने वाली धमकी से खुद को किया अलग।

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श्रीनगर। हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर जाकिर भट उर्फ मूसा ने 5 मिनट और 40 सेकेंड के ऑडियो से हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं की नींद उड़ाने का काम किया है। मूसा ने कहा है कि उसका मकसद जम्‍मू कश्‍मीर में खलीफा की स्‍थापना करना है और अगर हुर्रियत के नेता उसके रास्‍ते में आए तो फिर उनका सिर कलम करके लाल चौक पर लटका दिया जाएगा। अब हैरान करने वाले कदम में हिजबुल ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है।

मूसा के ऑडियो के बाद हिजबुल में पड़ी फूट, पीओके से आया ऑडियो को न मानने वाला बयान

संगठन से कोई लेना देना नहीं

हिजबुल मुजाहिद्दीन की ओर से कहा गया है कि मूसा ने जो भी बयान दिया है उसका संगठन से कोई सरोकार नहीं है। संगठन ने खुद को मूसा के बयान से अलग कर लिया है। हिजबुल का कहना है कि संगठन का मूसा के बयाने से कोई लेना-देना नहीं है और मूसा का यह बयान संगठन को स्‍वीकार नहीं है। हिजबुल के प्रवक्‍ता सलीम हाशमी ने एक पीओके मुजफ्फराबाद से बयान जारी कर यह बात कही है। हाशमी ने कहा है कि मूसा का बयान उसकी व्‍यक्तिगत राय है। हाशमी ने इसके साथ ही यह चेतावनी भी कि इस तरह के कदम से हिजबुल के कश्‍मीर संघर्ष की मौत हो सकती है। हाशमी ने कहा है कि संगठन मूसा के बयान पर विचार कर रही है। साथ ही संघर्ष के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है। जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने कहा है कि पुलिस ऑडियो की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आवाज मूसा की ही है या कोई और है।

ले. फैयाज की हत्‍या से भी इनकार

वहीं दूसरी तरफ हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन की मानें तो लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्‍या में उसके संगठन का कोई हाथ नहीं है। सलाहुद्दीन ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस दावे को मानने से इंकार कर दिया है कि ले. फैयाज की हत्‍या उसके संगठन के तीन आतंकियों ने की है। सलाहुद्दीन के मुताबिक इस तरह की हत्या की निंदा होनी चाहिए। उसने उलटे भारतीय एजेंसियों पर ही ले. की हत्या का आरोप लगा दिया। उसने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन पर इस हत्या का आरोप इसलिए लगाया गया ताकि भारतीय एजेंसियों का असली चेहरा सामने ना आ पाए। सलाहुद्दीन ने कहा कि कश्मीर को आजादी दिलाने की लड़ाई में अल कायदा, आईएसआईएस और तालीबान का कोई हाथ नहीं है।

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English summary
In the 5.40-minute audio, Moosa had warned the separatist leaders not to meddle in their aim to establish a caliphate in Jammu and Kashmir.
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