बंपर के टूटे टुकड़े से पकड़ा गया नशाखोर रेडियो जॉकी, घर वालों ने माना था मर्डर
नई दिल्ली। हिट एंड रन केस के एक मामले में दिल्ली पुलिस ने रेडियो सिटी के आरजे अंकित गुलाटी को गिरफ्तार किया है। अंकित पर आरोप है कि उसने लोक जनशक्ति पार्टी नेता धीरज कुमार को अपनी कार से टक्कर मारी थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस मामले में धीरज के घर वालों ने हत्या का आरोप लगाया था। वहीं, पुलिस के लिए हिट एंड रन के इस मामले को सुलझाना आसान नहीं था। इस मामले में आरोपी अंकित ने बचने की पूरी कोशिश की थी और घटना के बाद मौके से वह फरार गया था, लेकिन इस केस की जांच कर रही पुलिस की टीम को ऐसा सबूत हाथ लगा कि आरोपी आखिरकार शिकंजे में आ ही गया।
बपर के टुकड़े ने खोला राज
इस हादसे के बाद अंकित की गाड़ी पर लगे बंपर के एक छोटे से टुकड़े ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। बंपर का ये टुकड़ा पुलिस ने घटनास्थल से बरामद किया था। इस पर बार कोड लगा था, बस इसी आधार पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की और आखिरकार अंकित तक पहुंचने में कामयाब रही। पुलिस ने कम से कम 2,500 हुंडई क्रेटा कारों को शॉर्टलिस्ट किया, ऐसी ही एक कार हिट एंड रन के मामले में शामिल थी। इसके अलावा पुलिस ने संदिग्ध की पहचान करने के लिए 100 सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
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पुलिस ने 100 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
डीसीपी मधुकर वर्मा ने बताया, 34 साल का संदिग्ध अंकित गुलाटी नशे में धुत था और कार चलाते वक्त वह अपने मोबाइल फोन पर वीडियो देख रहा था, जब उसकी तेज रफ्तार एसयूवी ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता धीरज को टक्कर मारी थी। दरअसल, पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में हुंडई क्रेटा दिखाई दी थी लेकिन उसके नंबर की पहचान नहीं हो सकी थी। यहीं पर पुलिस को बंपर का एक टुकड़ा भी मिला जिसपर बार कोड था।
अंकित गुलाटी नशे में धुत था
पुलिस ने इसके लिए हुंडई के अधिकारियों से संपर्क किया और उनकी मदद ली। इसके बाद 2500 क्रेटा में से बारकोड के जरिए पुलिस ने 313 गाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया, जिनमें 72 दिल्ली-एनसीआर में रजिस्टर्ड थीं। कंपनी की मदद से ये साफ हो गया कि हादसे को अंजाम देने वाली गाड़ी 2018 मॉडल की है। जांच आगे बढ़ने के बाद पुलिस को DL-*6 (आखिरी नंबर 6) की नंबर वाली चार क्रेटा के बारे में पता लगा। इसके बाद पुलिस ने चारों गाड़ियों के मालिक से पूछताछ की।
2500 गाड़ियों में से पुलिस ने ढूंढ निकाली आरोपी की कार
एडिशनल डीसीपी शोभित सक्सेना ने बताया, पुलिस की टीम चारों के घर पहुंची और कार के बारे में पता लगाने की कोशिश की। उनमें से तीन की कार घर पर थी लेकिन एक की कार घर पर नहीं थी। डीसीपी वर्मा ने बताया कि जिस कार की वे तलाश कर रहे थे, वह हादसे के एक दिन बाद सर्विस सेंटर को भेज दी गई थी। ये गाड़ी अंकित गुलाटी के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी। अंकित ने सर्विस सेंटर से कार को नया लुक देने के लिए कहा था ताकि हादसे के दौरान कार पर निशान मिट जाएं। इसके बाद गुलाटी को पूछताछ के लिए उसके घर से उठाया गया, थोड़ी सख्ती के पास अंकित ने पुलिस के सामने आखिरकार अपना गुनाह कबूल कर लिया।