बदली पहचान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने केंद्र शासित प्रदेश, बना इतिहास
नई दिल्ली। आज भारत के इतिहास में ऐतिहासिक दिन है, आज से धरती का जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर की पहचान बदल गई है, अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं, गौरतलब है कि भारत सरकार के द्वारा 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था, जिसके बाद इस राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया था, आज अधिकारिक रूप से ये आदेश आधी रात के बाद से लागू हो गया है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज
भारत के लिए आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है, जिन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया था, इसलिए मोदी सरकार ने अधिकारिक तौर पर आज कश्मीर से 370 हटाकर और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है, ये बात देश के गृहमंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में आयोजित 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम में भी कही है, बतातें चले कि भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर सहित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित घोषित करने वाला राजपत्र (गैजेट) जारी कर दिया गया है।
यह पढ़ें: लोक आस्था का महापर्व 'छठ' आज से प्रारंभ
ये हुए बदलाव
- जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन कानून के तहत लद्दाख अब बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश और जम्मू-कश्मीर विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।
- अब दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में उप-राज्यपाल होंगे, जम्मू-कश्मीर के लिए गिरीश चंद्र मुर्मू तो लद्दाख के लिए राधा कृष्ण माथुर को उपराज्यपाल बनाया गया है।
यह पढ़ें: Sardar Vallabhbhai Patel: जानिए वल्लभ भाई पटेल कैसे बन गए 'सरदार'?
दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग
- अभी दोनों राज्यों का एक ही हाईकोर्ट होगा लेकिन दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग होंगे।
- सरकारी कर्मचारियों के सामने दोनों केंद्र शासित राज्यों में से किसी एक को चुनने का विकल्प है, वो इच्छानुसार अपने प्रदेशों को चुन सकते हैं।
- केंद्र शासित राज्य बन जाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों राज्यों में कम से कम 106 केंद्रीय कानून लागू हो पाएंगे।
35-ए के हटने के बाद ये हुआ बदलाव
- 35-ए के हटने के बाद केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में जमीन से जुड़े कम से कम 7 कानूनों में बदलाव होगा।
- जम्मू-कश्मीर से 5 और केंद्र शासित लद्दाख से एक लोकसभा सांसद ही चुन कर आएगा।
- इसी तरह से केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर से पहले की तरह ही राज्यसभा के 4 सांसद ही चुने जाएंगे।