हिंदुस्तान हिंदुओं का देश, यहां रहने वाले सभी हिंदू हैं, बोले RSS चीफ मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा, 'जर्मनी जर्मन लोगों का देश है, ब्रिटेन ब्रितानियों का देश है, अमेरिका अमेरिकियों का देश है, इसी तरह हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है।
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नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 'हिंदुस्तान' हिंदुओं का देश है, लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि दूसरे धर्मों के लोगों का नहीं है। शुक्रवार को इंदौर में कॉलेज जा रहे आरएसएस स्वयंसेवकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भागवत ने कहा कि हिंदू का मतलब है भारत मां की संतानें। यानी भारतीय पूर्वजों के वे वंशज, जो भारतीय संस्कृति के अनुसार रहते हैं। भागवत ने यह भी कहा कि अकेला सरकार विकास नहीं ला सकती है, और इसकी समाज में बदलाव की जरूरत है।
मोहन भागवत ने कहा, 'जर्मनी जर्मन लोगों का देश है, ब्रिटेन ब्रितानियों का देश है, अमेरिका अमेरिकियों का देश है, इसी तरह हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हिंदुस्तान दूसरे लोगों का देश नहीं है।' भागवत ने कहा, "हिंदू की परिभाषा में वे सब लोग आते हैं जो भारत माता के पुत्र हैं, भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और भारतीय संस्कृति के मुताबिक चलते हैं।'मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि देश को बड़ा बनाना किसी अकेले नेता, नीति, पार्टी, अवतार और सरकार के अपने बूते का काम नहीं है। यह परिवर्तन का मामला है और हमें इसके लिए पूरे समाज को तैयार करना होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि पुराने जमाने में लोग विकास के लिए भगवान की ओर देखते थे। लेकिन कलयुग में लोग विकास के मामले में सरकार को देखते हैं। लेकिन वास्तव में कोई भी सरकार उतनी ही चलती है, जितनी समाज की दौड़ होती है। संघ प्रमुख ने जोर देकर कहा कि समाज, सरकार का बाप है। सरकार, समाज की सेवा जरूर कर सकती है. लेकिन समाज में परिवर्तन नहीं ला सकती। समाज जब खुद में परिवर्तन लाता है, तो यही परिवर्तन सरकार और व्यवस्थाओं में प्रतिबिंबित होता है।
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