वैलेंटाइन डै पर मुसलमानों-ईसाईयों को बनायेंगे हिन्दू, फिर रचायेंगे शादी
नयी दिल्ली। अचानक ऐसा क्या हो गया कि देश भर के हिन्दू संगठनों की मानसिकता बदल गई। जो हिन्दू संगठन मुसलमानों को दुश्मन समझते थे, आज उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं, जो ईसाईयों से दूरी बनाये रखते थे, आज उनकी घरवापसी के प्रयास कर रहे हैं और तो और अब वैलेंटाइन डे भी इन संगठनों के लिये विदेशी पर्व नहीं रह गया है। जी हां इस बार वैलेंटाइन डे देसी पर्व के रूप में मनाया जायेगा। जाहिर है इस बार प्रेमी जोड़ों की पौ-बारह रहेगी।
वैलेंटाइन्स डे के दिन 14 फरवरी को हर साल उपद्रव मचाने वाले हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता इस साल प्रेमी जोड़ों का विवाह करवायेंगे। फिर लड़का-लड़की चाहे हिन्दू हो या मुसलमान या फिर ईसाई। यह ऐलान अखिल भारत हिन्दू महासभा ने किया है। इतना पढ़ने के बाद अगर आप यह सोच रहे हैं कि आखिर सूरज पश्चिम से कैसे निकल आया? तो इसका उत्तर भी हम आपको दे देते हैं।
सूरज हमेशा की तरह पूरब से ही निकला है! हिंदू संगठनों ने इस अंतर-धर्म विवाह के बीच में भी एक शर्त रख दी है। वो यह कि अगर लड़का या लड़की में से कोई भी मुसलमान, ईसाई या किसी अन्य धर्म की है, तो उसे पहले हिन्दू बनना पड़ेगा। यानी फिर वही घरवापसी का फंडा यहां पर अपनाया जायेगा।
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अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश कौशिक ने कहा है कि ऐसा करने पर महासभा अंतर धार्मिक जोड़ों का खुले दिल से स्वागत करेगी। ये शादियां बाकायदा कानूनी रूप से करायी जायेगी वो भी महासभा के कार्यालय में। घर वापसी का सारा कार्यक्रम शादी से ठीक एक घंटे पहले कराया जायेगा। इसके लिये प्रेमी युगलों को पहले से अपने नाम रजिस्टर करवाने होंगे।
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