JNU Protest: दीपिका पादुकोण को लेकर मचे हंगामे पर बोले हिमंत बिस्वा सरमा- बिना इंवेस्टमेंट......
नई दिल्ली- असम सरकार में वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू में चल रहे प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि दीपिका का जेएनयू जाना एक पब्लिसिटी स्टंट है और उन्होंने सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने कहा है कि वह बिना पैसा खर्च किए पब्लिसिटी चाहती थीं, इसलिए वह ऐसे मौके पर दिल्ली के जेएनयू में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंच गईं।
हिमंत बिस्वा सरमा ने दीपिका पादुकोण की वजह से जारी विवाद को लेकर कहा है कि, 'जब कोई फिल्म रिलीज होने वाली होती है तो फिल्मस्टार्स विवादों में रहना चाहते हैं। मैं समझता हूं कि उन्होंने अपने प्रोड्यूसर की ओर से पब्लिसिटी कैंपेन पर इंवेस्टमेंट किए बिना ही सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसा किया।' उन्होंने कहा कि 'जब भी आपकी फिल्म रिलीज होने वाली होती है, आप खुद से विवादों को जन्म देती हैं।' उनके मुताबिक 'सभी ऐक्टर फिल्म रिलीज होने से पहले सार्वजनिक संस्थाओं में जाना चाहते हैं।'
Assam Min Himanta Biswa Sarma on Deepika Padukone joining JNU students during their protest over #JNUViolence: Filmstars want to become controversial when their movie is about to release. I think she did it to grab limelight without investment on publicity by her producer. pic.twitter.com/1C7ZHJac1E
— ANI (@ANI) January 9, 2020
बता दें कि दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' 10 जनवरी यानि शुक्रवार को रिलीज होने वाली है। इस दौरान सरमा ने वामपंथियों पर भी जोरदार हमला बोला और आरोप लगाया कि जिन संस्थाओं में उनका प्रभाव है, वहां पर वे असहिष्णुता का माहौल और शिक्षण संस्थाओं में अराजकता की स्थिति पैदा करते हैं।
उन्होंने दावा कि जेएनयू में दूसरे विचारधारा वालों के खिलाफ सबसे ज्यादा असहिष्णुता का माहौल पैदा किया जाता है। उनके मुताबिक,'जेएनयू में वामपंथी विचारों से प्रभावित फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि जो लोग उनके विचारों को नहीं मानते वह कैंपस के अंदर आ ही नहीं सकते।' उन्होंने बताया कि यहां तक कि असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल तक को वहां नहीं घुसने दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि,'अगर मैं जेएनयू जाता हूं तो वे मेरे खिलाफ नारेबाजी करेंगे। लेकिन, अगर सीताराम येचुरी किसी दूसरी विचारधारा से प्रभावित संस्थान में जाते हैं तो उनके खिलाफ कोई हंगामा नहीं करेगा।'
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