कोरोना के कहर में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए हिमाचल सरकार ने किए ये बड़े ऐलान
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने शनिवार को राज्य की शहरी आबादी को 120 दिनों का सुनिश्चित रोजगार प्रदान करने के लिए एक नई योजना बनाई हैं। प्रदेश सरकार ने शाहगार गारंटी योजना की घोषणा की। सरकार ने यह भी कहा कि राज्य के एक लाख पंजीकृत श्रमिकों में प्रत्येक को महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए मुआवता देंगी। सरकार किसानों को भी मुआवजा देगी।
पिछले महीने असामयिक बरसात, ओलावृष्टि से राज्य में विभिन्न फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए, सरकार ने कहा कि यह कृषकों, बागवानी करने वालों को मुआवजा देगी और उनकी उपज बिक जाएं इसके लिए सरकार मदद करेगी।
पर्यटन
क्षेत्र
के
लिए
राहत
कोरोना
वायरस
के
कारण
हुए
लॉकडाउन
के
कारण
"सबसे
बुरी
तरह
से
प्रभावित
पर्यटन
उद्योग"
के
लिए,
सरकार
ने
छह
महीने
के
लिए
बिजली
की
मांग
के
शुल्क
को
माफ
कर
दिया
है।
सरकार
के
एक
बयान
में
कहा
गया
है
कि
एक्साइज
और
टैक्सेशन
लाइसेंस
शुल्क
को
भी
माफ
कर
दिया
जाएगा
और
बार
का
कोटा
उठाना
प्रो-राटा
आधार
पर
होगा।
सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के बीच, एचपी पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों के लिए वेतन भत्ता, टोकन टैक्स और चार महीने के लिए विशेष सड़क कर माफी, उद्योग के लिए जीएसटी रिफंड की जल्द प्रसंस्करण, अंशकालिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बढ़ावा देने की घोषणा की है जिन्होंने आठ साल की सेवा पूरी कर ली है।
मंत्रिमंडल ने 4 मई से राज्य में शराब की दुकानों को खोलने की भी अनुमति दी है। हिमाचल के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने संवाददाताओं को बताया कि लॉकडाउन अवधि (22 मार्च से 3 मई) के लिए शराब के लाइसेंस से किसी भी प्रकार का लाइसेंस शुल्क नहीं लेने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि 2019-20 के लिए आबकारी नीति 31 मार्च को पहले की 31 मार्च तक जारी रहेगी। 2020-21 के लिए आबकारी नीति की अवधि 1 जून से शुरू होगी और 31 मई, 2021 तक जारी रहेगी। , टोल बैरियर नीति भी उसी कैलेंडर का पालन करेगी।
4 मई के बाद कहां-कहां खुलेंगी शराब की दुकानें? जानें अपने हर सवाल का जवाब