कोरोना वायरस से रिकवर हुए लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है प्रदूषण, इस वैक्सीन से मिलेगी राहत
नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुका है। इस वायरस का खतरा अभी भी विश्व में बरकरार है। हालांकि भारत में कम होते नए मामलों और बढ़ता रिकवरी रेट राहत की सांस दे रहा है। लेकिन खतरा अब भी टला नहीं है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं। कोरोना वायरस से रिकवर होने वाले लोगों के लिए अब प्रदूषण जानलेवा हो सकता है। ऐसे लोगों को डॉक्टरों की सलाह है कि अगर वह उच्च वायु प्रदूषण वाली जगह में रह रहे हैं तो फ्लू का टीका लगवा लें।
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वायु प्रदूषण से कोरोना वायरस के मरीजों का अस्पताल में भर्ती होने, अधिक संवेदनशील होने और मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है। इसके साथ ही ये 'लॉन्ग कोविड' के खतरे को भी बढ़ा सकता है। इसका मतलब ये है कि जो लोग कोरोना से ठीक हुए हैं, उनमें हफ्तों या फिर महीनों तक लक्षण देखे जाते हैं। रोम के अस्पताल में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि 143 मरीजों में से 87 फीसदी में ठीक होने के दो महीने बाद भी कई लक्षण दिखाई दिए हैं। मरीजों में खांसी, थकान, दस्त, मांसपेशियों में दर्द, फेफड़ों, दिल और किडनी में दिक्कत जैसे लक्षण पाए गए हैं।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल JAMA का कहना है कि रोम के अध्ययन में क्रॉनिक 'लॉन्ग कोविड' के आधे से अधिक पेटेंट के साथ थकान सबसे आम लक्षण मिला है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुजुर्ग लोग, महिलाएं, अधिक वजन वाले लोग, अस्थमा के मरीज और वो लोग जिनमें पहले हफ्ते में ही कोविड-19 के पांच से अधिक लक्षण रहे हैं, उन्हें 'लॉन्ग कोविड' का सबसे ज्यादा खतरा है। रिपोर्ट में किंग्स कॉलेज लंदन के अप्रकाशित अध्ययन के हवाले से लिखा गया है कि 20 में से एक व्यक्ति आठ हफ्ते तक बीमार रहा है। बिना लक्षण या फिर हल्के लक्षण वाले लोगों में भी ठीक होने के बाद लक्षण पाए गए हैं, जो महीनों तक जारी रह सकते हैं।
बढ़ता प्रदूषण और सर्दी जुखाम ठीक होने वाले लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा सकता है। इस मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि त्योहारी मौसम में बढ़ता प्रदूषण, कम होता तापमान, बढ़ती भीड़ आदि से हर कोई जोखिम में है। वहीं जो लोग 'लॉन्ग कोविड' का सामना कर चुके हैं, उन्हें ऐसे में फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए। दिल्ली एनसीआर में भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक हो गया है। बीते कुछ दिनों से यहां लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत आ रही है।