COVID-19 पर राजनाथ सिंह के घर हुई केंद्रीय मंत्रियों की हाई लेवल मीटिंग, महामारी से जुड़ें मुद्दों की समीक्षा की
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के कुल 979 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 25 लोगों की महामारी से मौत हुई है। संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। इसी के मद्देनजर रविवार को केंद्रीय सुरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर केंद्रीय मंत्रियों ने की हाई लेवल मीटिंग हुई। इस उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान सहित कई बड़े मंत्री मौजूद रहे।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के विकल्पों पर चर्चा हुई। इसके अलावा बैठक में मौजूद मंत्रियों ने कोरोना वायरस से संबंधित सभी मुद्दों की समीक्षा की, जिसमें खाद्य, दवा, ऊर्जा उत्पादों आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखना शामिल है। मालूम हो कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं, जिनको रेकना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है।
पलायन
कर
रहे
मजदूरों
पर
केंद्र
सख्त
रविवार
को
केंद्र
सरकार
ने
राज्य
सरकारों
से
कहा
है
कि
लॉकडाउन
तोड़कर
अपने
घरों
की
ओर
रवाना
हुए
हजारों
मजदूरों
को
किसी
भी
कीमत
पर
सीधे
उनके
घर
न
जाने
दें।
बल्कि,
उन्हें
सभी
राज्य
सरकारें
14
दिनों
तक
प्रदेशों
की
ओर
से
बनाए
गए
क्वारंटाइन
सेंटर
में
अनिवार्य
रूप
से
रखें।
ताकि,
यह
सुनिश्चित
किया
जा
सके
कि
कोई
भी
संक्रमित
व्यक्ति
अपने
गांवों
या
मोहल्लों
तक
वायरस
लेकर
न
पहुंच
जाए।
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
जारी
एक
बयान
में
जो
कुछ
भी
कहा
गया
है,
उससे
इस
आदेश
की
सख्ती
का
अंदाजा
लगाया
जा
सकता
है।
इसमें
कहा
गया
है,
'डिजास्टर
मैनेजमेंट
ऐक्ट
के
तहत
जिलाधिकारी
और
पुलिस
अधीक्षकों
के
लिए
सीधे
तौर
पर
जारी
निर्देशों
को
लागू
करवाने
के
लिए
वे
निजी
तौर
पर
जिम्मेदार
होंगे।'
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